चौसठ वर्षीय द्रौपदी मुर्मू दो दिन गबाद यानी कि सोमवार को देश की अगली राष्ट्रपति के तौर पर अपना कार्यभार संभाल लेंगी। उन्होंने एकतरफा मुकाबले में विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनने का गौरव हासिल कर लिया है। द्रौपदी मुर्मू ने चुनाव जीतते ही एक नहीं बल्कि पांच कीर्तिमान अपने नाम लिखवा दिए हैं।
द्रौपदी मुर्मू ने बनाए 5 महा रिकॉर्ड
- मुर्मू आजाद भारत में जन्म लेने वाली पहली ऐसी नेता हैं जो देश की राष्ट्रपति बनेंगी
- वह सर्वोच्च संवैधानिक पद पर काबिज होने वाली सबसे युवा राष्ट्रपति हैं
- भारत के इतिहास में पहली बार आदिवासी महिला संभालेगी राष्ट्रपति पद की कमान
- द्रौपदी मुर्मू पहली ऐसी राष्ट्रपति हैं, जो ओड़िसा से हैं।
- पहली बार कोई पार्षद राष्ट्रपति का चुनाव जीतने में रहा कामयाब
यशवंत सिन्हा के खिलाफ भारी अंतर से मिली जीत
द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को एकतरफा मुकाबले में हराने के साथ ही भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति निर्वाचित होकर इतिहास रच दिया। मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति बनने के लिए निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के मतपत्रों की मतगणना में 64 प्रतिशत से अधिक मान्य मत प्राप्त करने के बाद सिन्हा के खिलाफ भारी अंतर से जीत हासिल की।
1947 से पहले पैदा हुए थे अब तक के सभी राष्ट्रपति
मुर्मू का जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ था। उनसे पहले देश में अब तक जितने भी राष्ट्रपति हुए हैं वो सब के सब 15 अगस्त 1947 से पहले के पैदा हुए नेता हैं। 24 जुलाई को रिटायर होने जा रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी 1947 से पहले पैदा हुए थे। उनका जन्म 1 अक्टूबर 1945 को हुआ था. कोविंद से पहले के सभी राष्ट्रपति का जन्म तो आजादी मिलने से करीब 2 दशक पहले यानी 1930 से पहले हुआ थ।
1997 में की थी राजनीतिक करियर की शुरुआत
रायरंगपुर से ही उन्होंने भाजपा की सीढ़ी पर पहला कदम रखा था। वह 1997 में स्थानीय अधिसूचित क्षेत्र परिषद में पार्षद बनी थीं और 2000 से 2004 तक ओडिशा की बीजद-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री बनीं। वर्ष 2015 में, उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया और 2021 तक इस पद पर रहीं। द्रौपदी मुर्मू ऐसी पहली नेता बन गईं जो पहले पार्षद रहीं और अब राष्ट्रपति बनने जा रही हैं।
देश को ओड़िसा से मिला पहला राष्ट्रपति
चमक दमक और प्रचार से दूर रहने वाली मुर्मू ब्रह्मकुमारियों की ध्यान तकनीकों की गहन अभ्यासी हैं। उन्होंने गहन अध्यात्म और चिंतन का दामन उस वक्त थामा था, जब उन्होंने 2009 से लेकर 2015 तक की छह वर्षों की अवधि में अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खो दिया था। देश के अब तक 14 राष्ट्रपतियों में से 7 के सम्बन्ध साउथ से रहे हैं लेकिन द्रौपदी मुर्मू पहली ऐसी राष्ट्रपति हैं, जो ओड़िसा से हैं।