हिंदू धर्म में पितृ पक्ष बहुत ही महत्वपूर्ण माने जाते हैं। पूरे श्रद्धा भाव के साथ पितरों का पूजन और श्राद्ध करने से वह प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पूर्वजों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और कुडंली में पितृ दोष का अशुभ प्रभाव दूर होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्वजों का खुश करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए पितृ पक्ष में कुछ वास्तु नियमों का ध्यान रखना जरुरी है। आइए जानते हैं इनके बारे में....
पूर्वजों की तस्वीर के नियम
. घर में यदि आप सुख शांति चाहते हैं तो पूर्वज की तस्वीर हमेशा दक्षिण दिशा में लगाएं। तस्वीर कभी भी बेडरुम, रसोईघर या पूजाघर में नहीं लगानी चाहिए।
. एक से ज्यादा पूर्वज की तस्वीर घर में किसी भी जगह पर न रखें।
. इसके अलावा किसी जीवित व्यक्ति के सात भी पूर्वजों की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। इससे घर में पितृ दोष बढ़ता है।
. ऐसी जगह पर भी तस्वीर नहीं लगानी चाहिए जहां पर आते जाते लोगों की नजर पड़े।
पितृ पक्ष में इन नियमों को रखें याद
मुख्यद्वार रखें साफ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितृ पक्ष में यदि आप पूर्वजों को प्रसन्न करना चाहते हैं तो घर के मुख्य द्वार को साफ रखें। नियमित मुख्यद्वार की सफाई करें और यहां पर जल चढ़ाएं।
दीपक जलाएं
यदि आपकी कुंडली में पितृदोष है तो घर की दक्षिण दिशा में रोज दीपक जलाएं। मान्यताओं के अनुसार, नियमित दीपक जलाने से घर से पितृ दोष कम होने लगता है।
मांगलिक कार्य न करें
इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य न करें। माना जाता है कि पितृ पक्ष में शुभ कार्य करने से पितृ नाराज होते है।
पक्षियों को खिलाएं अन्न
पितृ पक्ष में पितरों को खुश करने के लिए पशु पक्षियों को अन्न और जल जरुर अर्पित करें।