धनतेरस का त्योहार देशभर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेर और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा करने का महत्व है। मान्यता है कि कुबेर देवता के प्रसन्न होने में जीवनभर धन की कमी नहीं होती है। लोग इस खास पर्व पर मंदिरों में भी दर्शन करने जाते हैं। ऐसे में आज धनतेरस के खास मौके पर हम आपको देश में स्थापित कुबेर देवता के कुछ मंदिरों के बारे में बताते हैं...
ओंकारेश्वर में कुबेर मंदिर
भारत के ओंकारेश्वर में भी कुबेर देवता का कुबेर भंडारी का मंदिर स्थापित है। यह नर्मदा और कावलेरी नदी के संगम पर स्थापित है। मगर यहां बांध बनने पर में मंदिर के लिए शासन ने एक ट्रस्ट बना दी थी, इसे प्रसादालय के पास ही स्थापित कर दिया था। मगर पुराने का दोबारा निर्माण ना होने व डूब गया। ऐसे में अब भक्त नए मंदिर में भगवान के दर्शन करने आते हैं। दिवाली के पावन दिनों पर मंदिर में दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं।
उत्तराखंड में कुबेर मंदिर
देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड अपने मंदिरों से भी दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां अल्मोड़ा में धन के देवता कुबेर का एकमात्र मंदिर है। इस पावन स्थल का नाम जागेश्वर मंदिर है। यह मंदिर देश का छठा मंदिर है। मान्यता है कि मंदिर में पूजा करने व चांदी का सिक्का चढ़ाने से जीवन धन-धान्य से भरा रहता है।
तमिलनाडु में कुबेर मंदिर
धन के देवता कुबेर जी का एक मंदिर तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में भी स्थित है। यह मंदिर मरपरानी नदी के तट पर एक छोटे से गांव में स्थापित है। इस पावन स्थल का नाम हरिकेसवनाल्लुर मंदिर है। बता दें, इस गांव को कुबेरपुरी भी कहा जाता है। मंदिर में दो शिवलिंग स्थापित है, जिन्हें अर्यनाथर और कुबेर लिंग के नाम से पूजा जाता है। मंदिर में भगवान शिव की (अर्यनाथर) और देवी पार्वती (पेरियनायकी) के रूप में पूजा होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पावन स्थल पर पूरी विधि से पूजा करने से कुंडली में मंगलदोष दूर होता है।