पटाखों पर बैन के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में दिवाली पर जमकर आतिशबाजी हुई, जिसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'गंभीर' श्रेणी तक पहुंच गया है। इस सीजन में पहली बार राजधानी नई दिल्ली ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद भी दिवाली मनाई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी शाम 4 बजे के बुलेटिन के अनुसार, नई दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 382 दर्ज किया गया, जो "बहुत खराब" है। गुरुवार को 25% के उच्च स्तर ने हवा की गुणवत्ता को और खराब कर दिया।
दिल्ली के आसमान में छाई धुंध की मोटी चादर
शाम तक, पटाखों के उत्सर्जन को नई दिल्ली की हवा में जोड़ा जाने लगा क्योंकि शहर का पीएम 2.5 सांद्रता स्तर 33 गुना से अधिक सुरक्षित सीमा से अधिक हो गया था। सीपीसीबी के आंकड़ों से पता चलता है कि 24 घंटे का औसत एक्यूआई PM2.5 सांद्रता स्तर 33 गुना से अधिक हो गया है, जो धीरे-धीरे हर घंटे बढ़ रहा था क्योंकि राजधानी में धुएं की धुंध छाई हुई थी।
एक्यूआई को 401 और 500 के बीच गंभीर' माना जाता है
एक्यूआई रात 9 बजे 404 था, जो आधी रात तक औसतन 422, 2 बजे तक 428, सुबह 6 बजे तक 444, सुबह 7 बजे तक 446 और शुक्रवार को सुबह 8 बजे तक 451 हो गया। शुक्रवार को, नई दिल्ली का एक्यूआई 462 तक पहुंच गया जो काफी गंभीर है। माना जा रहा है कि एक्यूआई और बढ़ सकता है।
बता दें कि सीपीसीबी पिछले 24 घंटों के वायु गुणवत्ता सूचकांक का पता लगाने के लिए 24 घंटे के रोलिंग औसत का उपयोग करता है। सीपीसीबी 51-100 के एक्यूआई को "संतोषजनक", 101-200 को "मध्यम", 201-300 को "खराब", 301-400 को "बहुत खराब" और 401 से ऊपर के एक्यूआई को "गंभीर" के रूप में वर्गीकृत करता है।
आंखों में हो रही समस्याएं
दिल्ली के आसमान में धुंध ही धुंध ही दिख रही हैं। इसके कारण लोग आंखों में पानी, जलन व एलर्जी की शिकायत कर रहे हैं। यहीं नहीं लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है।