आंखें बहुत अधिक संवेदनशील अंग हैं इसलिए इनका खास ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है। कंप्यूटर के सामने लगातार बैठे रहना और मोबाइल पर गेम्स खेलने का सीधा असर आंखों पर पड़ता है। इससे ड्राई आईज सिड्रोम, आंखों की रोशनी कम होना, पानी निकलना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन समस्याओं से राहत पाने के लिए आप आई ड्राॅप का इस्तेमाल करते हैं। वहीं अगर सही तरीके से आंखों में आईड्रॉप डाली जाए तो समस्या से जल्द राहत मिलती है। चलिए आपको बताते हैं क्या है आई ड्रॉप डालने का सही तरीका?
पहले सैनेटाइजर या साबुन से हाथ धोएं
एक्सपर्ट की मुताबिक आंखों में आई ड्रॉप डालने से पहले हाथों को सैनेटाइज या साबुन से धो लें। इसके अलावा आंखों के आसपास गिरी ड्रॉप्स की बूंदों को साफ करने के लिए टिश्यू पेपर पास रखें।
जानें सही तरीका
आंंखों में आईड्राॅप डालने से पहले पीठ के बल लेटकर सिर को पीछे झुकाएं। अब उंगली से निचली पलक को नीचे की तरफ खीचें। आईड्राॅप की बोतल को आंख के ऊपर ले जाकर दबाएं ताकि आईड्राॅप की बूंद सीधा आंखों में जाए। अब आंखों को बंद कर 3 मिनट तक चेहरे को नीचे की तरफ झुकाएं। ध्यान रहे इस दौरान न तो पलकों को झपकाएं, न आईबॉल्स को मूव करें। आंखों के आसपास पोंछने के लिए टिशू का इस्तेमाल करें। दूसरी ड्राप डालने के लिए पहली बूंद के बाद 5 या 10 मिनट तक इंतजार करें।
क्या नहीं करना चाहिए?
- आंखों से ड्रॉपर टिप को टच होने से बचाएं ताकि बोतल या ड्रापर टिप पर लगे बैक्टीरिया आंखों में संक्रमण का कारण न बनें।
- अगर मेडिकेटेड आई ड्रॉप डाल रहें हैं तो कॉन्टेक्ट लैंस निकाल दें।
- आई ड्रॉप डालने के 15 मिनट बाद कॉन्टेक्ट लैंस लगाएं।
- आई ड्रॉप दूसरे व्यक्ति के साथ शेयर करने से बचें।
ध्यान में रखें यह बात
आई ड्रॉप डालने पर कुछ लोगों के आंखों में दर्द, जलन या चुभन होती है। अगर यह समस्या 10-15 मिनट तक रहे तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। आई ड्रॉप के लेबल और डॉक्टर के दिए गए निर्देशों का पालन करें।