किसी भी रिश्ते में नोक-झोंक होना आम बात है। बचपन में भाई- बहन के बीच लड़ाई झगड़ा होते थे वहीं बड़े होकर पार्टनर इसका हिस्सा बन जाते हैं। अकसर पार्टनर के बीच मन- मुटाव की वजह बनती है अलग- अलग सोच। जरूरी नहीं है कि हर बात में सभी की सहमति हो, ऐसे में झगड़ा होना तो स्वाभाविक है। लड़ाई ताे ठीक है लेकिन बात तब बढ़ती है जब दोनो एक दूसरे को मनाने के लिए राजी ही नहीं हाेते। लड़ाई के बाद दोनों ही पार्टनर्स को लगता है कि दूसरा बात करने की पहल करे।
अगर आप भी कुछ ऐसा ही करती हैं तो संभल जाइए, क्योंकि ईगो आपके रिश्ते को तबाह कर सकता है। दरअसल कहा जाता है कि पार्टनर की नाराजगी में भी उनका प्यार भी छिपा होता है, वो बस इस इंतजार में हाेते हैं कि आप उन्हें मनाएं। तो चलिए उनकी इसी इच्छा को पूरी करने के लिए हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं, जिसकी मदद से आप आसानी से रूठे हुए पार्टनर को मना सकते हैं।
सॉरी बोलने की आदत
सबसे पहले सॉरी बाेलने की आउत डाल लें। माफी मांगने से कोई छोटा नहीं होता है, अगर एक सॉरी से आपका रिश्ता संभल जाता है तो क्या बुराई है। माफी मांगने से पार्टनर का गुस्सा भी शांत हो जाएगा और वाे आपको माफ भी कर देंगे। एक चीज याद रखें सिर्फ बोलने के लिए सॉरी ना बोलें, बल्कि अपनी गलती को महसूस भी करें।
स्पेस दें
अगर आप दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा बढ़ गया है तो बहस करने की बजाय थोड़ी देर के लिए चुप हो जाएं। अगर आप पार्टनर को थोड़ा स्पेस देंगी तो उन्हें भी सोचना का वक्त मिलेगा और हाे सकता है कि उन्हें अपनी गलती का एहसास हो जाए और वह खुद ही आपसे बात करने आएं।
सरप्राइज गिफ्ट
रूठे प्यार को मनाने में गिफ्ट आपका मदद कर सकता है। अगर वह आपसे कुछ ज्यादा ही रूठ गए हैं तो चुपचाप उनके पास एक प्यारा से तोहफा रख दो। देर- सवेर उनका गुस्सा शांत हो ही जाएगा। गिफ्ट भले ही महंगा ना हो, लेकिन वह आपके आपका प्यार और फीलिंग्स को जरूर समझेंगे।
जादू की झप्पी
कई बार जादू की झप्पी नाराजगी दूर करने में बेहद काम आती है। झगड़े के बाद भले ही पार्टनर एक दूसरे से दूरी बना लेते हैं लेकिन दस दौरान अकेलापन बहुत महसूस हाेता है। इसी अकेलेपन को दूर करने में आपकी झप्पी उनकी मदद करेगी। उनका गुस्सा कुछ ही मिनटों में गायब हो जाएगा।
खुलकर बात करें
किसी भी रिश्ते में अगर मतभेद आ जाए या किसी तरह की दरार आ जाए, तो उसपर बात करना बेहद आवश्यक होता है। उन्हें बताएं कि कहां वह गलत हैं और कहां आप। बस इस दौरान सिर्फ अपनी बात ना करें उनकी भी सुनें।
तारीफ करें
तारीफ सुनना किसको अच्छा नहीं लगता है। अपने लिए अच्छी बातें सुनकर उन्हें अच्छा लगेगा और नाराजगी भी दूर हो जाएगी। हां, तारीफ सच्चे मन से करें, न कि झूठ या दिखावे की तरह नहीं।