दवाओं के साइड-इफैक्ट्स को लेकर हर किसी के मन में कोई ना कोई सवाल रहता है। ऐसी कई दवाएं है जो लंबे समय तक लेना हानिकारक हो सकता है। वहीं, हाल ही में एक अध्ययन में सामने आया है कि गर्भपात रोकने वाली दवाएं कैंसर का कारण बन सकती है। 17-ओएचपीसी (17-OHPC) नाम की दवा एक सिंथेटिक प्रोजेस्टोजन (Synthetic Progestogen) है, जो महिलाओं को समय पूर्व प्रसव रोकने के लिए दी जाती है। मगर, रिसर्च में सामने आया है कि इससे बच्चे को कैंसर का खतरा रहता है।
शिशु को हो सकता है सारी उम्र का कैंसर
ह्यूस्टन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास हेल्थ साइंस सेंटर द्वारा की गई रिसर्च के मुताबिक गर्भपात (Abortion) या समय पूर्व बच्चे का जन्म रोकने वाली दवा गर्भाशय (Uterus) पर उल्टा असर डालती है, जिससे शिशु को सारी उम्र कैंसर का खतरा रहता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि 17-ओएचपीसी गोली का यूज महिलाओं द्वारा 1950-1960 के दशक में किया जाता था। हालांकि आज प्रेगनेंसी रोकने के लिए महिलाएं इन दवाओं का सेवन करती है। प्रोजेस्टेरोन प्रेगनेंसी में गर्भ को बढ़ने में मदद करता है, जिससे वो जल्दी संकुचन होने नहीं देता। मगर, ऐसी दवा लेनी वाली महिलाओं से पैदा हुए बच्चों में कैंसर की दर दोगुनी होती है।
1960 के दशक में जन्मे बच्चों पर अध्ययन
1960 दशक में जन्मे बच्चों पर किए गए अध्ययन में सामने आया कि इनमें कोलोरेक्टल, अग्नाशय, थायरायड के साथ की तरह के कैंसर का खतरा रहता है। शोधकर्ताओं ने 18,751 लोगों का अध्ययन किया, जिसमें से 1,008 लोगों में कैंसर पाया गया। इनमें से 234 लोग प्रेगनेंसी के दौरान दवा 17-ओएचपीसी के संपर्क में आए थे।
शिशु के विकास को भी करती है प्रभावित
शोधकर्ताओं के अनुसार, इस दवा से शिशु का शुरुआती विकास बाधित हो सकता है। इससे शिशु में दशकों बाद भी कैंसर का खतरा रहता है। वहीं, इससे सिंथेटिक हार्मोन पर भी असर पड़ता है जो कैंसर के विकास का सबसे महत्वपूर्ण जोखिम कारक हैं।