'करे कोई भरे कोई यह कहावत...' यह कहावत इस समय एयर इंडिया एक्सप्रेस के लिए बिल्कुल सही बैठती है। कंपनी का अपने कर्मियों की लापरवाही का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। एयर इंडिया के 300 सीनियर कर्मचारी एक साथ सिक लीव पर चले गए हैं, जिसके चलते 70 से ज्यादा उड़ानें रद्द करनी पड़ी। इतने कर्मचारियों का अचानकछुट्टी पर जाना कई सवाल खड़े कर रहा है।
कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि अंतिम क्षण में चालक दल के अनेक सदस्यों के बीमार होने की सूचना मिलने के कारण उड़ानों में देरी हुई या उन्हें रद्द किया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में चालक दल के सदस्यों द्वारा बीमार होने की सूचना दिए जाने के कारणों को समझने के लिए कंपनी उनसे बातचीत कर रही है और टीम सक्रियता से इस मुद्दे का समाधान कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि चालक दल के अनेक सदस्यों ने टाटा समूह के स्वामित्व वाली विमानन कंपनी में कथित कुप्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन के रूप में बीमार होने की सूचना दी है। पिछले कुछ समय से, खासतौर पर एआईएक्स कनेक्ट (पूर्ववर्ती एयरएशिया इंडिया) के एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ विलय की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इसके चालक दल के कुछ सदस्यों में असंतोष व्याप्त है।
सूत्रों ने बताया कि सोमवार शाम से कई विमान कर्मियों ने बीमार होने की सूचना देना शुरू कर दिया और चालक दल के सदस्यों की पर्याप्त संख्या नहीं होने की वजह से कोच्चि, कालीकट तथा बेंगलुरू समेत अनेक हवाईअड्डों पर कई उड़ान रद्द कर दी गई हैं। बताया जा रहा है कि 300 सीनियर केबिन क्रू सदस्यों ने अचानक लीव लेने के बाद अपने मोबाइल फोन भी बंद कर दिए।
क्रू सदस्यों के इस कदम के चलते कंपनी ही नहीं बल्कि यात्रियों को भी बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा। लोगों ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी भड़ास निकाली है। यात्रियों का कहना है कि हवाई अड्डे पहंचने पर उन्हें सूचित किया गया कि उनकी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। वहीं एयरलाइन ने एक बयान जारी कर कहा- , "फ्लाइट कैंसिल किए जाने से प्रभावित मेहमानों को पूरा रिफंड या किसी अन्य तारीख के लिए दूसरी फ्लाइट की पेशकश की जाएगी."।