05 NOVTUESDAY2024 11:16:37 AM
Nari

Monkeypox Virus:  20 से ज्यादा देशों में मिले  200 मरीज, जानें कैसे फैलती है ये बीमारी

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 28 May, 2022 11:46 AM
Monkeypox Virus:  20 से ज्यादा देशों में मिले  200 मरीज, जानें कैसे फैलती है ये बीमारी

दुनिया के 20 से ज्यादा देशों से मंकीपॉक्स के करीब 200 मामले आ गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसक जानकारी देते हुए कहा-  इस महामारी को ‘नियंत्रित’ किया जा सकता है और दुनिया भर में उपलब्ध इस बीमारी की दवाओं और टीकों के समान वितरण का प्रस्ताव रखा। वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों का भी कहना है कि इन मामलों से घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर आप अभी विदेश से लौटे हैं तो लक्षणों को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है।


इन देशों में फैला ये वायरस

डब्ल्यूएचओ के शीर्ष सलाहकार की मानें तो यूरोप, अमेरिका, इजराइल, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में इस महामारी का प्रसार संभवत: स्पेन और बेल्जियम में हाल ही में हुई रेव पार्टियों के दौरान सेक्स से जुड़ा हुआ है। अगर ऐसा है तो यह मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में वायरस के प्रसार के तरीके से बिल्कुल अलग है, जहां मनुष्य में जंगली चूहे और बंदरों आदि से यह बीमारी फैली है।  यह महामारी कैसे शुरू हुई इसकी अभी पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। 

PunjabKesari
वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी 

ब्रिटेन, स्पेन, पुर्तगाल, कनाडा, अमेरिका और अन्य देशों के डॉक्टरों का मानना है कि अभी तक यह संक्रमण समलैंगिकों या द्विलिंगी (बाईसेक्सुअल) पुरुषों या ऐसे पुरुष जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं, तक सीमित था। हालांकि, अब वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है अगर संक्रमण पर काबू नहीं पाया गया तो यह अन्य लोगों में भी फैल सकता है।

मंकीपॉक्स क्या है?

मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस से होता है, जो चेचक यानी स्मॉलपॉक्स से संबद्ध वायरस है। चेचक केवल मनुष्यों को संक्रमित करता है लेकिन मंकीपॉक्स एक पशु वायरस है जो किसी बंदर या अन्य जानवर द्वारा काटे जाने या खरोंच मारने पर मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकता है। यह श्वसन संबंधी वायरस है और संपर्क में आए बिना भी मनुष्यों में फैल सकता है। हालांकि, आम तौर पर यह मनुष्यों के बीच आसानी से नहीं फैलता और केवल करीबी संपर्क के मामलों में ही फैलता है। अध्ययनों में पाया गया है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने वाले करीब तीन फीसदी लोग संक्रमित होंगे।


वायरस के प्रकार

वायरस के दो प्रकार हैं, पहला जिसमें मृत्यु दर करीब एक प्रतिशत है और दूसरे में मृत्यु दर करीब 10 प्रतिशत है। ब्रिटेन में फैला संक्रमण कम गंभीर प्रकार का लगता है लेकिन एक प्रतिशत मृत्यु दर कोविड की तरह है, इसलिए यह एक चिंता का विषय है। बच्चों में यह अधिक गंभीर होता है।

बार- बार बुखार होना
सिर में दर्द
हड्डियों में दर्द 
ठंड लगना
शरीर थका हुआ रहना

इन लक्षणों के साथ संक्रमण फैलता है। इसमें आम तौर पर बुखार आने के एक से तीन दिनों में त्वचा पर दाने निकल आते हैं, खासतौर से चेहरे, हाथों और पैर पर।

PunjabKesari
यह अब क्यों सामने आ रहा है?

मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में कांगो गणराज्य में दर्ज किया गया था। यह फिर से उबरने वाली बीमारी है जो 2017 के बाद से नाइजीरिया और कांगो में बड़े पैमाने पर फैल रही है। वैज्ञानिक इस बात में उलझे हुए हैं कि पूर्व में दुर्लभ एक संक्रमण अब इतना सामान्य क्यों हो रहा है। चेचक से रक्षा करने वाले टीके मंकीपॉक्स से भी बचाव करते हैं। चेचक के उन्मूलन की घोषणा को 40 साल बीत गए हैं और ज्यादातर व्यापक टीकाकरण कार्यक्रम 70 के दशक में ही बंद हो गए, इसलिए 50 वर्ष तक की आयु के कुछ ही लोगों ने टीका लगवा रखा है।

यह देश ज्यादा प्रभावित 

सितंबर 2018 में ब्रिटेन के कॉर्नवॉल में एक नौसैन्य अड्डे में नाइजीरिया से आए एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स का मामला सामने आया। इसके बाद ब्लैकपूल में नाइजीरिया से ही लौटे एक व्यक्ति में संक्रमण का पता चला तथा अस्पताल में एक नर्स भी संक्रमित हो गयी। नाइजीरिया में 2017 के बाद से मंकीपॉक्स के 500 से अधिक मामले आए हैं और आठ लोगों की मौत हो चुकी है। ब्रिटेन में संक्रमण का मौजूदा प्रसार अफ्रीका के बाहर सबसे ज्यादा है और यह यूरोप के कई देशों, उत्तरी अमेरिका तथा अब ऑस्ट्रेलिया में फैल गया है। उन पुरुषों में संक्रमण के कई मामले आ रहे हैं जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं। यह एक ऐसी प्रवृत्ति है जो पहले कभी नहीं देखी गयी। अमेरिका में आयातित पशुओं से जुड़े एक अध्ययन में बताया गया कि संक्रमण के 20 मामलों में से महज तीन में ही लक्षण नहीं देखे गए और उन्होंने टीका लगवा रखा था। बाकी के 17 मामलों में सभी को त्वचा पर चकते पड़ गए।

PunjabKesari

मंकीपॉक्स के लिए उपचार क्या है ‍?

मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रभावी टीके उपलब्ध हैं - दूसरी और तीसरे पीढ़ी के चेचक के टीके वैक्सिनिया वायरस का इस्तेमाल करते हैं। वैक्सिनिया ऑर्थोपॉक्सवायरस है, जो चेचक तथा मंकीपॉक्स के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान करता है लेकिन कुछ लोगों में इसका गंभीर नकारात्मक असर हो सकता है खासतौर से कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में। इसके नकारात्मक असर होने के कारण व्यापक पैमाने पर टीकाकरण की आवश्यकता नहीं होगी। सबसे अच्छी रणनीति संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान करना और उन्हें टीका लगाना है।


मंकीपॉक्स से बचने के तरीके


यह बहुत जल्दी नहीं फैलता,संक्रमित व्यक्ति से आवश्यक दूरी बनाए रखने पर संक्रमण से बचा जा सकता है।

संक्रमित जानवरों या मनुष्यों के संपर्क में आने के बाद हाथो को अच्छी तरह धोएं। 

मरीजों की देखभाल करते समय व्यक्तिगत पीपीई का प्रयोग करें।
 

Related News