जहां देश में कोरोना के मामलों में कमी आ रही है वहीं, अब ब्लैक फंगस ने आतंक मचाना शुरू कर दिया है। देशभर में कई जगहों से ब्लैक फंगस के गंभीर मामले सामने आ रहे हैं। वहीं अब कोरोना से ठीक हुए मरीजों में 2 तरह के ब्लैक फंगस देखने को मिल रहे हैं, जिसके बाद वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है।
कोरोना मरीजों में दिखें 2 तरह के फंगस
विशेषज्ञ के मुताबिक, कोविड मरीजों में 2 तरह के म्यूकोरमाइकोसिस दिख रहें है ऑर्बिटो-सेरेब्रल म्यूकोरमाइकोसिस (ROCM) और पल्मोनरी म्यूकोरमाइकोसिस।
1. ROCM फंगस नाक से साइनस मार्ग से होते हुए आंख व मस्तिष्क को संक्रमित करती है। इसमें बंद नाक या खून, चेहरे पर सूजन, दर्द व सुन्नता, आंखों में लालिमा या धुंधलापन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इसके कारण गंभीर सिरदर्द, आंखों में दर्द आंशिक अंधेपन की समस्या भी हो सकती है।
2. पल्मोनरी म्यूकोरमाइकोसिस इम्युनोकॉम्प्रोमाइज्ड होते हैं, जो कमजोर इम्यूनिटी कमजोर वालों को अधिक प्रभावित करते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर होता है। इसमें बुखार-खांसी, सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
किन लोगों को अधिक खतरा?
ब्लैक फंगस का अधिक खतरा सामान्यतौर पर कमजोर इम्युनिटी और हाई ब्लड शुगर वाले मरीजों को है। इसके अलावा जो मरीज साफ-सफाई का ध्यान नहीं रख रहे उन्हें भी इसका खतरा अधिक है।
कोरोना मरीजों में क्यों बढ़ रहे ब्लैक फंगस के मामले?
विशेषज्ञों का कहना है कि अनियंत्रित ब्लड शुगर, इम्यूनोसप्रेसिव दवाइयों लेने वाले और कैंसर रोगियों में यह संक्रमण पहले भी देखा जा चुका है। मगर, कोरोना में स्टेरॉयड दवाओं का सेवन इस इंफेक्शन को बढ़ावा दे रहा है। इसके अलावा अशुद्ध वातावरण, पर्यावरण में नमी के कारण भी कोरोना मरीजों को संक्रमण का खतरा अधिक रहता है।
फंगल इंफेक्शन के लक्षण
- अचानक तेज सिरदर्द
- चेहरे के एक हिस्से में सूजन
- खांसी और खून आना
- नाक के चारों ओर काली पपड़ी जमना
- धुंधलापन आना
- नाक से खून बहना
- सांस लेने में दिक्कत
- सीने में तेज दर्द