हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व भी मनाया जाता है। इस साल ये पावन पर्व 27 नवंबर को है। इस त्योहार के पीछे मान्यता है कि इस दिन गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। इस मौके पर सिख धर्म के लोग गुरुद्वारे जाकर माथा ठेकते हैं और गुरुग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं। वहीं गुरुद्वारों में होने वाले भजन, कीर्तिनों में भी शामिल होते हैं। आइए जानते हैं आखिर गुरु नानक देव कौन थे और क्यों उनका प्रकाश पर्व मनाया जाता है....
कब और कहां हुआ था गुरु नानक देव का जन्म
गुरु नानक देव की मां तृप्ता और पिता कल्याण चंद थे। उनका जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। ये जगह ननकाना साहिब के नाम से भी लोकप्रिय है। सिख धर्म में गुरु नानक देव जी की जयंती को विशेष महत्व है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर गुरु नानक जयंती मनाई जाती है।
प्रकाश पर्व क्यों कहा जाता है
गुरु नानक देव जी ने अपना हर जीवन समाज को सुधारन के लिए लगा दिया। उन्होंने जात- पात, ऊंच-नीच और भेद- भाव को मिटाने के लिए खास कदम उठाए थे। इंसानियत के नाम पर लोगों को एकता के सूत्र में बांधने के लिए उपदेश दिए थे। नानक साहब ने समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाने का काम किया था और इसी वजह से उनकी जयंती हर साल प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है।
गुरु नानक गुरु वाणी
इक ओंकार सतनाम करता पुरख
अकाल मूरत
अजूनी सभम
गुरु परसाद जप आड़ सच जुगाड़ सच
है भी सच नानक होसे भी सच
सोचे सोच न हो वे
जो सोची लाख वार
छुपे छुप न होवै
जे लाइ हर लख्ते उखिया
पुख न उतरी जे बंना पूरिया पार
सहास्यांपा लाख वह है ता एक न चले नाल
के वे सच यारा होइ ऐ
के वे कूड़े टूटते पाल
हुकुम रजाई चलना नानक लिखिए नाल