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Fusion of Cultures: चाणक्य स्कूल ऑफ क्राफ्ट और लग्जरी ब्रांड Dior के बीच क्या है क्नेकशन ?

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 31 Mar, 2023 04:20 PM
Fusion of Cultures: चाणक्य स्कूल ऑफ क्राफ्ट और लग्जरी ब्रांड Dior के बीच क्या है क्नेकशन ?

मुंबई में कल की शाम बाकी दिनों से कुछ अलग थी। क्योंकि 30 मार्च को पॉपुलर ब्रांड Christian Dior का फॉल 2023 कलेक्शन पहली बार भारत में आयोजित किया गया। इस फैशन शो का गवाह बना मुंबई की जान गेटवे ऑफ़ इंडिया। इस इवेंट में अहम रोल रहा चाणक्य स्कूल ऑफ क्राफ्ट की जिस पर डायर की रचनात्मक निर्देशक मारिया ग्राज़िया चिउरी ने भरोसा किया।


2016 में डायर की पहली महिला क्रिएटिव डायरेक्टर बनने के बाद से, मारिया ग्राज़िया चियुरी ने अपने मंच का उपयोग महिला श्रमिकों को आगे बढ़ाने और पारंपरिक शिल्प कौशल में निवेश करने के लिए किया है। इस व्यापक लक्ष्य के हिस्से के रूप में, उन्होंने मुंबई स्थित चाणक्य स्कूल ऑफ क्राफ्ट का मार्गदर्शन और समर्थन किया है जो भारतीय कढ़ाई में माहिर हैं। 

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चाणक्य सांस्कृतिक स्थिरता के मामले में सबसे आगे रहे हैं। ग्राज़िया चियुरी का कहना है कि "ये विशेष सहयोग अविश्वसनीय रूप से घनिष्ठ था। इस संस्था ने  मुझे रूढ़ियों से मुक्त भारतीय संस्कृति में खुद को डुबोने और इसकी सुंदरता और जटिलता को पुन: पेश करने में मदद की"। उन्होंने कहा- मैं हमेशा महिलाओं के पक्ष में रही हूं और मैं हर संभव तरीके से उनका समर्थन करने की कोशिश करती हूं।। 

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ग्राज़िया चियुरी कहती हैं कि "मेरी मां मुझसे कहती थी कि  अगर महिलाओं को अपना जीवन खुद चलाना है तो काम और वित्तीय स्वतंत्रता मौलिक हैं। इसी तरह, चाणक्य स्कूल ऑफ क्राफ्ट का एक महत्वपूर्ण मिशन है: कारीगरों को एक असाधारण स्तर तक प्रशिक्षित करना ताकि वे सबसे परिष्कृत स्टूडियो के लिए काम कर सकें, अपनी कीमत का एहसास कर सकें और स्वतंत्र महिलाओं में बदल सकें। चाणक्य परियोजना को एक स्कूल के रूप में संदर्भित किया जाता है, जहां ज्ञान साझा किया जाता है और महिलाओं को उनके काम से मुक्त किया जा सकता है।”

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चाणक्य स्कूल ऑफ क्राफ्ट के साथ सहयोग विभिन्न क्षेत्रों से कढ़ाई पर आधारित है। इसके कारीगर उन तकनीकों का मिश्रण करते हैं जो परंपरागत रूप से पुरुषों के डोमेन थे लेकिन महिलाओं की विरासत के हिस्से के रूप में पुनः दावा किया गया है। यह रचनात्मकता और सशक्तिकरण के लिए एक उपकरण है। चाणक्य स्कूल का दीर्घकालीन पीढ़ी दर पीढ़ी महिलाओं के कौशल को तराशना है।

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2016 में स्वाली और मोनिका शाह द्वारा चाणक्य स्कूल ऑफ क्राफ्ट की सह-स्थापना की गई थी। स्वाली कहती हैं, "मेरे पिता ने 1980 के दशक में चाणक्य को दुनिया के साथ भारत की बेहतरीन शिल्प कौशल साझा करने की दृष्टि से लॉन्च किया था।" यह 30 से कम कारीगरों के साथ शुरू हुआ और केवल वस्त्र पर काम किया।  धीरे-धीरे, टीम ने विभिन्न फ्रांसीसी और इतालवी फैशन हाउसों के साथ सहयोग करना शुरू किया, एक संघ जो आज भी जारी है, इस साथ अब  क्रिश्चियन डायर, गुच्ची, बालेंसीगा, सेलीन और फेंडी जैसे ब्रैंड का नाम भी जुड़ गया है। 

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इस इवेंट के बाद चाणक्य स्कूल ऑफ क्राफ्ट ने मारिया ग्राज़िया चियुरी और डायर का भारतीय कारीगरों की खूबियों को उजागर करने  के लिए  शुक्रिया अदा किया।  उन्होंने कुछ तस्वीरें और वीडियाे भी शेयर की गई, जिसमें देखा जा सकत है कि मारिया ग्राज़िया ने किस तरह इस स्कूल के काम के समझा और वहां मौजूद सभी महिलाओं से बातचीत की और उनकी कला के बारे में जाना। 

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बता दें कि गेटवे ऑफ इंडिया पर Dior Fall 2023 के दौरान मेहमानों का स्वागत करने के लिए 14 मीटर लंबा तोरण भी चाणक्य एटेलियर्स और चाणक्य स्कूल ऑफ क्राफ्ट से स्पेशल हैंडीक्राफ्ट किया गया था।  मारिया ग्राज़िया चिउरी ने अपने पोस्ट में इसकी एक तस्वीर शेयर कर लिखा था- इंडिया में तोरण को अपने घर की एंट्रेंस पर सजाते हैं। यही सोच कर यहां गेटवे पर तोरण एक मेटाफर के रूप में सजाया है जो इंडिया के साथ हमारा कोलैबोरेशन, क्रॉस -कल्चरल इन्फ्लुएंसेस, हेरिटेज और ट्रडिशन्स का प्रतीक है।'

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