कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम यानि टी.वी., मोबाइल और स्मार्टफोन का अधिक इस्तेमाल करने से आंखों पर पड़ने वाला बुरा असर। वर्क फ्राम होम के चलते लोगों को घंटो टी.वी. स्क्रीनस के आगे बैठकर काम करना पड़ता है। बच्चे भी अपने स्कूल का काम ऑनलाइन की कर रहे हैं, जिस वजह से आंखों पर स्ट्रेस पड़ना लाजमी है।
फिलहाल यह समस्या कंप्यूटर स्क्रीन पर काम करने वाले 50-60 प्रतिशत लोगों को हो रही है, मगर समय रहते ध्यान न देने की वजह से यह गिनती और बढ़ सकती है। कंप्यूटर पर तीन घंटे या उससे अधिक समय तक काम करने वाले लोगों को इसका खतरा अधिक है।
कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम के लक्षण
*आंखों में तनाव महसूस होना।
*सिर में दर्द रहना।
*धुंधली दिखाई देना।
*आंखों में पानी का सूख जाना।
*गर्दन, पीठ और कंधे में दर्द।
*चीजों पर फोकस करने में कठिनाई महसूस करना।
*आंखों में जलन
*आंखे लाल होना,थकान
क्यों होती है यह समस्या?
-कंपयूट्स स्क्रीन के ज्यादा पास होकर काम करना।
-काम की वजह से स्ट्रेस, मांसपेशियों में तनाव
-आंखे न झपकना, जिस वजह से आंख का पानी सूख जाना।
-स्क्रीन से निकलने वाली हानिकारक किरणें।
-खान-पान में कमी, विटामिन-ए और अन्य पौष्टिक आहारों का सेवन न करना।
काम खत्म होने के बाद भी रहती है समस्या
कुछ लोगों को तो यह परेशानियां केवल काम करने के दौरान महसूस होती है, मगर कुछ लोगों का कहना है कि काम खत्म करने के बाद भी वह ऐसा ही महसूस करते रहते हैं। धुंधला दिखाई देना या सरदर्द जैसी समस्याएं बनी रहती हैं। अगर आपको भी ऐसा कुछ महसूस हो रहा है, तो 1-2 दिन से ज्यादा डॉक्टर को दिखाने में देरी न करें।
उपाय और रोकथाम:
-स्क्रीन के आगे बैठकर काम करते वक्त एंटी ग्लेयर चश्मों का इस्तेमाल करें।
-कंप्यूटर स्क्रीन को से 15-20 डिग्री नीचे रखें।
-काम के अलावा डिजिटल स्क्रीन का उपयोग न करें, जैसे कि मूवी, सीरियल और म्यूजिक सुनते वक्त स्क्रीन को मत देखें।
-सिर में दर्द और कंधे दर्द से बचने के लिए हमेशा सही पोस्चर में बैठें।
20-20- का नियम करें फॉलो
-हर 20 मिनट के बाद 20 फीट दूर कुछ देखने के लिए कम से कम 20 सेकंड का ब्रेक लें। इससे आपकी आंखो और दिमाग दोनों को राहत महसूस होगी।
-2 घंटे लगातार स्क्रीन पर देखने के बाद खुद को15 मिनट का आराम अवश्य दें।
-बार-बार पलकें झपकें। पलक झपकने से आंखों की नमी बरकरार रहती है।
-कंप्यूटर की स्क्रीन को चेहरे से ढाई फीट की दूरी पर रखें।