जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे किशोरावस्था से ही अल्सरेटिव कोलाइटिस बीमारी से जूझ रहे हैं। खबरों के मुताबिक, वह नियमित इलाज से बीमारी को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। आंत से जुड़ी इस बीमारी के कारण मरीज की आंत में दिक्कत हो जाती है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या क्या है यह बीमारी और कैसे रखें इससे बचाव...
क्या है अल्सरेटिव कोलाइटिस?
अल्सरेटिव कोलाइटिस यानि आंत्र रोग सूजन (आईबीडी) का एक प्रकार है। इसके कारण कॉलन (बड़ी आंत) में अल्सर या खुले घाव होने लगते हैं। इसके कारण बड़ी आंत में सूजन और दर्दनाक अल्सर हो जाता है इसलिए इसे खूनी दस्त भी कहते हैं।
क्यों होती है यह समस्या?
यह समस्या पाचन तंत्र में बैड बैक्टीरिया और अधिक सक्रिय प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होती है। बीमारी की शुरुआत मलाशय से होती ह, जो धीरे-धीरे बड़ी आंत में फैलती है।
पाचन तंत्र पर गंभीर असर
यह बीमारी सिर्फ पेट ही नहीं बल्कि इम्यूनिटी पर भी हानिकारक असर डालती हैं। शोध के मुताबिक, इससे कोलोन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण
. आंतों पर छोटे-छोटे छाले होना
. खून दस्त व बुखार
. भूख ना लगना और उल्टी आना
. कुपोषण की समस्या
. अचानक वजन कम होना
. पेट में दर्द
. जोड़ों में दर्द और सूजन
. त्वचा संबंधी समस्याएं
अल्सरेटिव कोलाइटिस के कारण
. यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर , जो इम्यून सिस्टम के ज्यादा सक्रिय होने पर होती है।
. इसके अलावा यह समस्या गलत खान-पान की वजह से भी हो सकती है।
अल्सरेटिव कोलाइटिस से बचाव के उपाय
अल्सरेटिव कोलाइटिस का कोई सटीक इलाज नहीं है लेकिन इसके लक्षणों को कम जरूर किया जा सकता है।
. दिनभर में 8-9 गिलास उबला हुआ पानी पीएं।
. मल्टीविटामिन्स लें और डाइट में विटामिन्स फूड्स अधिक शामिल करें।
. डाइट के लिए अपने एक्सपर्ट से सलाह लें क्योंकि यह पेट से जुड़ी बीमारी है।
. कार्बोहाइड्रेट फूड्स का सेवन कम करें क्योंकि इससे आपकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
. मक्का, गेहूं और दूध से बनी चीजों के साथ ऐसे फूड्स भी दूर रहें, जिससे आपको एलर्जी हो।
. हाई फाइबर, डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन कम कर दें।
. मसालेदार खाना, शराब और कैफीन से दूर रहें।
. एक समय भरपेट खाने की बजाए 4-5 छोटे मील्स लें, ताकि खाना आसानी से पच जाए।
अब जानिए घरेलू उपचार...
. ओमेगा-3 फैटी एसिड अलसी तेल का सेवन करें। इसमें एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होते हैं, जिससे आपको राहत मिलेगी।
. प्रोबायोटिक्स फूड्स भी हानिकारक बैक्टीरिया को कंट्रोल करते हैं।
. शुद्ध एलोवेरा जैल का सेवन भी सूजन कम करने में मददगार है लेकिन दस्त ज्यादा हो तो इसे ना लें।
. अदरक और ग्रीन टी पीना शुरू करें। इसमें एंटी-इंफ्लामेट्री और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो आंतों से संंबंधित रोग में फायदेमंद हैं।