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इससे बेहतर क्या होगा! कंपनी ने की अनोखी पहल, कर्मचारियों की पत्नियों को भी देंगे सैलरी

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 07 Feb, 2021 02:03 PM
इससे बेहतर क्या होगा! कंपनी ने की अनोखी पहल, कर्मचारियों की पत्नियों को भी देंगे सैलरी

आप जरा सोचिए जहां आपके पति काम करते हैं अगर उस कंपनी का मालिक आपके पति के साथ-सात आपको भी सैलेरी देने लग जाए तो? हां सुनने में यह अजीब जरूर लग रहा होगा क्योंकि ऐसा कभी नहीं हुआ है लेकिन अब हाल ही में कुछ ऐसा ही हुआ है। जी हां दरअसल यूएई के शारजाह में रहने वाले भारतीय बिजनेसमैन डॉ. सोहन रॉय ने एक अलग पहल की है जिसमें वह अपने कर्मचारियों की पत्नियों को सैलरी देंगे।

आपको बता दें कि डॉ सोहन कंपनी एयरिज ग्रुप ऑफ कंपनीज (Aries Group of Companies) के अंतर्गत काम करने वाले कर्मचारियों की पत्नियों को सैलरी देंगे। यह फैसला डॉ सोहन ने इसलिए लिया है क्योंकि वह कोरोना महामारी के दौरान अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों से इतना प्रभावित हुए कि अब उन्होंने उन्हें रिवार्ड देने के लिए यह अलग तरीका चुना है। 

इस तरीके से दी जाएगी सैलरी 

मीडिया रिपोर्टस की मानें तो फिलहाल अभी कंपनी मैनेजमेंट कर्मचारियों की पत्नियों का डेटा इकट्ठा कर रहे हैं और एक सूचि बना रहे हैं। इसके बाद पत्नी को इस आधार पर सैलरी दी जाएगी कि उसके पति ने कंपनी में कितने सालों तक काम किया है। 

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महामारी के दौरान भी कम नहीं किया वेतन 

साल 2020 हर किसी के लिए चुनौती भरा रहा है। किसी के हाथों से नौकरी चली गई तो किसी ने 8-9 घंटे काम किया लेकिन उसे पूरा वेतन नहीं मिल पाया लेकिन वहीं डॉ सोहन बताते हैं कि कोरोना महामारी के दौरान भी कंपनी ने किसी भी कर्मचारी को नहीं निकाला और उन्हें पूरा वेतन भी दिया और इस महामारी में परिवार वालों का भी भरपूर सपोर्ट देखने को मिला और अब समय है उन्हें उनका रिवार्ड देने की। 

इस तरह आया यह आइडिया 

देखा जाए तो बहुत से लोगों का ऐसा मानना है कि एक पति अगर बाहर जाता है तो इसका अर्थ है कि वह ही काम करता है और पत्नी पूरा दिन  फ्री बैठती है लेकिन ऐसा नहीं है आप अपनी पत्नी की वजह से ही बाहर काम कर पाते हैं क्योंकि अगर एक पति को घर का काम भी साथ में करना पड़ जाए तो वह कभी भी काम पर ऑफिस नहीं पहुंच सकता है। वहीं 2012 में तत्कालीन बाल एवं महिला विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने एक प्रस्ताव दिया था इसके तहत हाउस वाइव्स को भी सामाजिक तौर पर और ज्यादा सशक्त पहचान देने की बात कही थी। वहीं पिछले महीने, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने एक दुर्घटना के मामले में मुआवजे की घोषणा करते हुए कहा था कि घर में काम करने वाली पत्नियों की अहमियत उनके काम करने वाले पतियों से कम नहीं है। ऐसे में इसी से रॉय ने सीख ली और इसे असल जिंदगी में लागू करने का फैसला लिया। 

कर्मचारियों के माता-पिता को भी दे रहे हैं पेंशन 

इतना ही नहीं वर्तमान में एरिज ग्रुप अपने कर्मचारियों के माता-पिता को भी पेंशन दे रहा है। इसमें वो कर्मचारी है जिन्होंने 3 साल की सेवा पूरी कर ली है। साथ ही, कर्मचारियों के बच्चों को अध्ययन के लिए वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।

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