वैसे तो हिंदू धर्म के लोग हर दिन सूर्य देव को जल अर्पित करके अपने दिन की शुरुआत करते हैं। लेकिन रविवार का दिन जो की भगवान सूर्य का होता है, उस दिन जल अर्पित करने से लोगों को 7 दिन जल अर्पित करने जितना फल मिलता है। वहीं इससे कुंडली में सूर्य देव की स्थिति मजबूत होती है। लेकिन इसके लिए रविवार के दिन सूर्य देव को जल अर्पित करते हुए कछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए....
स्नान के समय करें ये उपाय
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर है, उन्हें स्नान करते समय पानी में खसखस, लाल फूल या फिर केसर मिलना चाहिए। इसे शुभ माना जाता है। दरअसल, ये 3 चीजों सूर्य की कारक मानी गई हैं। ऐसा करने से व्यक्ति को रोगों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है। ऐसा माना जाता है कि इन 3 चीजों को जल में शामिल करने से सूर्य की वस्तुओं के गुण व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
सूर्य की कारक वस्तुओं का करें दान
शास्त्रों के अनुसार सूर्य के दुष्प्रभावों से बचने के लिए सूर्य की कारक वस्तुओं का दान जरूर करें। इनमें तांबा, गुड़, गेहूं, मसूर दाल आदि का दान किया जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि दान देनी वाली वस्तुओं को हर रविवार को करना लाभकारी होता है।
सूर्य यंत्र की करें स्थापना
धार्मिक मान्याओं के हिसाब से सूर्य देव की लंबे समय तक कृपा बनाए रखने के लिए घर में सूर्य यंत्र रखना चाहिए। तांबे का सूर्य यंत्र रख सकते हैं या पर घर पर खुद भी बना सकते हैं। इसके लिए आपको कागज पर लाल चंदन, केसर, कस्तूरी का इस्तेमाल करें।
मंत्र का जाप करें
सूर्य देव की विशेष कृपा पाने के लिए ‘ओम घूणि: सूर्य आदित्य:’ मंत्र का नियमित रूप से जाप करें. समय का अभाव होने पर हर रविवार भी मंत्र जाप कर सकते हैं। रविवार के दिन किया मंत्र जाप विशेष रूप से फल प्रदान करता है। इसे 10-20 है या फिर 108 बार भी कर सकते हैं।