बच्चों की देखभाल को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। अब एकल महिला और पुरुष अभिभावक कर्मचारी भी बाल्य देखभाल अवकाश (चाइल्ड केयर लीव) के हकदार हो गए हैं। बच्चों की देखभाल करने के लिए 730 दिनों तक के लिए छुट्टी ले सकते हैं। सरकार ने इसे लेकर मंजूरी दे दी है।
जितेंद्र सिंह ने दी यह जानकारी
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि महिला और सिंगल पुरुष सरकारी कर्मचारी अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए 730 दिनों तक के लिए छुट्टी ले सकते हैं। एकल पुरुष अभिभावक में वे सभी कर्मचारी आएंगे जो अविवाहित या विधुर या तलाकशुदा हैं और जिनके एक बच्चे की जिम्मेदारी अकेले उनके कंधों पर है।
ये है नियम
सरकार के आदेश के मुताबिक सरकार की महिला कर्मचारी व महिला-पुरुष एकल कर्मचारी संतान की बीमारी अथवा परीक्षा आदि में देखभाल के लिए संपूर्ण सेवाकाल में दो वर्ष यानी 730 दिन का बाल्य देखभाल अवकाश ले सकेंगे। यह अवकाश 18 वर्ष की आयु तक केवल दो बड़े जीवित बच्चों के लिए मान्य होगा।
गर्भावस्था के दौरान मिलता है इतने दिनों का अवकाश
जितेंद्र सिंह ने कहा- महिला सरकारी कर्मचारी और सिंगल पुरुष सरकारी कर्मचारी, केंद्रीय सिविल सेवा (छुट्टी) नियम, 1972 के नियम 43-सी के तहत बाल देखभाल अवकाश (सीसीएल) के लिए पात्र हैं। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चे के मामले में कोई आयु सीमा तय नहीं है। बता दें कि केंद्र सरकार की महिला कर्मचारी गर्भावस्था के दौरान 180 दिनों तक मातृत्व अवकाश की हकदार हैं। गर्भपात या गर्भपात के मामलों में, कर्मचारी की पूरी सेवा के दौरान यह छुट्टी 45 दिनों तक बढ़ सकती है।
80 प्रतिशत मिलेगा वेतन
नियम के मुताबिक एकल महिला सरकारी कर्मचारी को एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम छह बार व अन्य पात्र महिला-पुरुष कर्मचारी को एक कैलेंडर वर्ष में तीन बार अवकाश मिलेगा। 365 दिन के अवकाश का उन्हें पूरा वेतन मिलेगा। अगले 365 दिनों में उन्हें मंजूर अवकाश का 80 प्रतिशत ही वेतन दिया जाएगा।