25 NOVMONDAY2024 3:31:52 AM
Nari

जब जिद पर अड़ गईं थी सत्यभामा, श्रीकृष्ण स्वर्ग से धरती पर ले आए थे पारिजात वृक्ष

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 12 Aug, 2020 09:50 AM
जब जिद पर अड़ गईं थी सत्यभामा, श्रीकृष्ण स्वर्ग से धरती पर ले आए थे पारिजात वृक्ष

धार्मिक और आयुर्वेद में पारिजात के फूल को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी को पारिजात के पुष्प बेहद प्रिय हैं और कृष्ण जी विष्णु जी का ही अवतार हैं, इसलिए जन्माष्टमी के दिन पूजा में परिजात के फूल अवश्य शामिल करें। कहा जाता है कि पारिजात वृक्ष को स्वर्ग से धरती पर लाया गया था। चलिए आज हम आपको बताते हैं पारिजात फूल से जुड़ी कुछ रोचक बातें...

 

समुद्र मंथन से उत्पन्न हुआ था पारिजात फूल

पौराणिक कथाओं के अनुसार, पारिजात वृक्ष की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। फिर देवराज इंद्र द्वारा इसे स्वर्ग में स्थापित कर दिया गया था। पारिजात जिसे हरश्रृंगार भी कहा जाता है, के फूलों का देवपूजा में विशेष महत्व है। जल से उत्पत्ति होने के कारण देवी लक्ष्मी को पारिजात के फूल अतिप्रिय हैं क्योंकि देवी लक्ष्मी का प्रादुर्भाव भी समुद्र मंथन के दौरान जल से ही हुआ था।

PunjabKesari

कहां स्थित है स्वर्ग से लाया पारिजात पेड़

कहा जाता है कि देवराज द्वारा स्वर्ग से लाया पारिजात पेड़ उत्तर प्रदेश में मौजूद है। कहा जाता है जाता है कि देवराज ने यह पेड़ उत्तर प्रदेश के किंतूर गांव में लगाया था, जिसे बाद में गुजरात राज्य के द्वारका में स्थापित किया। कथाओं की मानें तो एक बार कुंती ने अपने पुत्र अर्जुन से पारिजात के पुष्प मंगवाए थे, ताकि वह भगवान शिव की पूजा कर सके। उसके बाद अजुर्न पूरा वृक्ष ही उठा लाए थे।

जब सत्यभामा ने मांगे पारिजात के पुष्प

एक अन्य कथा के मुताबिक, श्रीकृष्ण ने अपनी रुकमणी को पारिजात के पुष्प उपहार में दिए थे, जिन्हें उन्होंने अपने बालों में सजाया। मगर, रुकमणी के बालों में इतने सुदंर फूल देखकर सत्यभामा ने पारिजात के पूरे वृक्ष की मांग करने लगी। तभी भगवान श्रीकृष्ण उसे धरती पर ले आए।

PunjabKesari

हरसिंगार यानि पारिजात के पौधे का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हरसिंगार के पेड़ पर भगवान हनुमान वास करते हैं। हरे पत्ते, सफेद व खुशबूदार फूलों वाले इस वृक्ष को कूरी, सिहारु, सेओली नाम से भी जाना जाता है। सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि आयुर्वेद के हिसाब से भी पारिजात फूल का बहुत महत्व है। सदियों से इसकी छाल, जड़े व फूलों का इस्तेमाल औषधियां बनाने के लिए होता आ रहा है।

पारिजात फूल की खासियत

ऊपर से सफेद रंग और निचे से चटख नारंगी रंग के इन फूलों की खासियत है कि यह रात के समय ही खिलते हैं। सुबह तर ह फूल पेड़ का टाहनियों से खुद ही झड़ जाते हैं। मनमोहक खुशबू वाले यह फूल पश्चिम बंगाल में अधिक पाए जाते हैं।

PunjabKesari

Related News