भागदौड़ भरी इस जिंदगी में तनाव होना एक आम समस्या बन गया है। पहले जहां बुजुर्ग और बड़ी उम्र के लोग ही इससे जूझते थे आज छोटी उम्र में ही बच्चे इसका शिकार हो रहे हैं। पढ़ाई के बढ़ते प्रेशर के कारण बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। लोगों को मानसिक समस्याओं के प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। ऐसे में इस मौके पर आपको बताते हैं कि यदि आपके बच्चे किसी मानसिक समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप उन्हें किस तरह से हैंडल कर सकते हैं। आइए जानते हैं....
एक्सरसाइज और योग का सहारा लें
एग्जाम के दौरान बच्चे तनाव में आ जाते हैं। तनाव का मुख्य कारण होता है कि बच्चे अपनी पढ़ाई पर अच्छे से ध्यान नहीं दे पाते। ऐसे में आप उन्हें इससे दूर रखने के लिए एक्सरसाइज, मॉर्निंग वॉक जैसी चीजें करने के लिए कहें।
बच्चे का साथ दें
हर समय बच्चे के साथ दें उनकी बात सुनें हर बात पर उनको प्रोत्साहित करें। बच्चों को इस बात का भरोसा दिलवाएं कि आप उनके विचारों और भावनाओं को समझ रहे हैं। बच्चों की बात सुनते हुए उन्हें समझाने का प्रयास करें। किसी भी हॉबी के प्रति उनका आत्मविश्वास बढ़ाएं इससे उनमें आगे बढ़ने की हिम्मत आएगी।
न छोड़ें अकेला
अगर आपके बच्चे मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं तो उन्हें अकेला न छोड़ें। उन्हें यह यकीन दिलवाएं कि आप हमेशा उनके साथ हैं यदि वह अपने दिल की बात करना चाहते हैं तो आपसे बिना झिझके आसानी से कर सकते हैं ।
फेवरेट हॉबी को बढ़ावा दें
पढ़ाई के कारण यदि बच्चों पर बोझ बढ़ रहा है तो आप उन्हें उनकी हॉबी के लिए प्रोत्साहित जरुर करें। इससे बच्चों का माइंड कूल रहेगा और वह पढ़ाई पर ध्यान दे पाएंगे।
कॉमेडी फिल्म दिखाएं
बच्चों के लिए इमोशनली हेल्दी रहना भी जरुरी है ऐसे में जब भी उन्हें समय मिले तो कॉमेडी फिल्म या फिर कार्टून देखने दें। मस्ती मजाक से बच्चों की टेंशन दूर होगी। इसके अलावा यदि उनका तनाव कम होगा तो वह पढ़ाई में ध्यान दे सकेंगे।