देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जहां अब पहले से थोड़ी शांत होते दिखाई दे रही हैं वहीं अब इस बीच ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस ने भी जन्म ले लिया है, जो कोरोना की ही तरह कई राज्यों में माहमारी घोषित की जा चुकी हैं। बतां दें कि अब तक ब्लैक फंगस के पूरे देश में करीब 8 हज़ार से ज्यादा के मामले सामने आ चुके हैं जिन्में से 200 के करीब लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं।
गाजियाबाद में सामने आया यैलो फंगस का पहला केस-
वहीं इन खतरनाक बीमारी ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के बीच अब यैलो फंगस ने भी दस्तक दे दी है। बतां दें कि येलो फंगस का पहला मामला गाजियाबाद में देखने को मिला है। येलो फंगस अभी तक मरीजों मे मिले ब्लैक और व्हाइट फंगस से ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है।बता दें कि गाजियाबाद के जिस मरीज में येलो फंगस पाया गया है, उसकी उम्र 34 साल है और वह कोरोना से संक्रमित रह चुका है। वहीं मरीजह डाइबिटीज से भी पीड़ित है।
जानें ब्लैक फंगस से कितना खतरनाक है येलो फंगस
जानकारी के मुताबिक, येलो फंगस ब्लैक और व्हाइट फंगस से कई गुणा घातक बीमारियों में से एक है। येलो फंगस पहले शरीर को अंदर से कमजोर करता है। येलो फंगस से पीड़ित मरीज को सुस्ती लगना, कम भूख लगना या फिर बिल्कुल भूख खत्म होने की शिकायत रहती है। फंगस का असर जैसे जैसे बढ़ता है ये मरीज का वजन तेजी से कम होने लगता है और ये काफी घातक हो जाता है। अगर इस दौरान किसी को घाव है तो उसमें से मवाद का रिसाव होने लगता है और घाव बहुत धीमी गति से ठीक होता है।इस दौरान मरीज की आंखें धंस जाती है और कई अंग काम करना बंद कर देते हैं।
नज़रअंदाज न करें ये लक्षण-
अगर किसी मरीज को काफी कमजोरी या सुस्ती लग रही है इसके अलावा कम भूख लगती है या फिर खाने का बिल्कुल भी मन नहीं करता तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इसका एक मात्र इलाज amphoteracin b इंजेक्शन है। जो एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीफ़ंगल है।
शरीर में इस वजह से फैल रहा है येलो फंगस-
अभी तक की प्राप्त जानकारी के मुताबिक, येलो फंगस शरीर की गंदगी के कारण फैल रहाी है, यह किसी भी मरीज को हो सकता है। इसलिए अपने घर के आस-पास साफ-सफाई रखें। सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखकर इस बैक्टीरिया या फंगस को दूर किया जा सकता है। पुराने खाद्य पदार्थों को जल्द से जल्द हटाने से इसके खतरे से बचा जा सकता है।