अगर आप 31 मार्च के बाद सोना खरीदने का सोच रहे हैं तो यह बात आपके बहुत काम आने वाली है। 31 मार्च के बाद बिना हॉलमार्क की ज्वैलरी स्वीकार नहीं की जाएगी। केंद्र सरकार ने सोने की ज्वैलरी खरीदने के नियमों को लेकर एक बहुत बड़ा बदलाव किया है। इस बात की जानकारी खुद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने दी है कि 31 मार्च के बाद हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन के बिना कोई भी ज्वैलरी नहीं पहन पाएगा।
1 अप्रैल से पूरे भारत में लागू होंगे ये नियम
उपभोक्ता मंत्रालय ने बताया कि यह फैसला सिर्फ 4 और 6 डिजिट हॉलमार्किंग की कंफ्यूजन को लेकर लिया गया है। इस नए नियम के अनुसार, अब 6 नंबर की अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग ही स्वीकार की जाएगा। इसके बिना सोना बेचना भी मान्य नहीं होगा। इसके अलावा सरकार ने यह भी आदेश दिया है कि अब 4 डिजिट वाले हॉलमार्क भी पूरी तरह से बंद कर दिए जाएंगे। आपको बता दें कि भारत देश में फेक ज्वैलरी की बिक्री रोकने के लिए सरकार ने डेढ़ साल से पहले ही इसके प्रयास शुरु कर दिए थे।
आखिर क्या होता है HUID?
हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर ज्वैलरी की शुद्धता की एक पहचान होती है। यह 6 नंबर का एक अल्फान्यूमेरिक कोड होता है जिसके जरिए ग्राहकों को गोल्ड ज्वैलरी के बारे में सारी जानकारी मिलती है। इसके अलावा इस कोड के जरिए धोखाधड़ी के मामले में भी कमी आती है। यह नंबर हर गोल्ड ज्वैलरी पर लगाया जाता है। इस नए फैसले के अंतर्गत अब दुकानदार 1 अप्रैल के बिना हॉलमार्क के ज्वैलरी को नहीं बेच पाएंगे। इसके अलावा वहीं ग्राहक भी अपनी पुरानी ज्वैलरी बिना हॉलमार्क के नहीं बेच पाएंगे। आपको बता दें कि पूरे देश में कुल 1338 हॉलमार्किंग सेंटर हैं। वहीं देश के 85 फीसदी हिस्सों में यह सेंटर मौजूद हैं जबकि बाकी के हिस्सों में यह सेंटर्स बनाए जा रहे हैं।