15 फरवरी को विश्वभर में एक बार फिर कैंसर-डे मनाया जाएगा। इस बार यह कैंसर-डे खास बच्चों को ध्यान में रखकर मनाया जाएगा। बड़ों के साथ-साथ आज बच्चे भी बहुत तेजी से कैंसर का शिकार हो रहे हैं, कैंसर की वजह से प्रतिवर्ष 1 लाख 75 हजार बच्चों की मृत्यु हो जाती है। हर साल यह औसत दर बढ़ती जा रही है। आज हम यहां जानेंगे बच्चों में पाए जाने वाले विभिन्न कैंसर के बारे में विस्तार से जानकारी...
ल्यूकीमिया
आम भाषा में इस कैंसर को बोन कैंसर कहा जाता है। बड़ों के मुकाबले बच्चों में यह कैंसर 30 फीसद ज्यादा पाया जाता है। इस कैंसर की शुरुआत में बच्चे की हड्डियों में दर्द, थकान, कमजोरी और त्वचा का पीला पड़ने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
लिम्फोमा
ल्यूकीमिया के अलावा बच्चों में लिम्फोमा कैंसर भी ज्यादा देखने को मिल रहा है। इस कैंसर में बच्चे को बुखार बहुत अधिक चढ़ता है। साथ ही बच्चा थकान भी बहुत महसूस करता है।
न्यूरोब्लास्टोमा
यह कैंसर ज्यादातर नव जन्मे बच्चों में देखने को मिलता है। ऐसा बहुत कम होता है कि 10 उम्र से अधिक बच्चों में यह कैंसर दिखाई दे।
इन सबके अलावा ब्रेन ट्यूमर, बोन कैंसर, रेटिनोब्लास्टोमा यानि आंखों का कैंसर ज्यादा देखने को मिलता है। आंख के कैंसर का मुख्य लक्ष्ण है कि इसमें आंख की पुतली सफेद रंग की दिखाई देने लगती है।
कैसे करें बचाव?
-नव जन्मे बच्चे को कैंसर से बचाने के लिए मां को अपना ध्यान रखना चाहिए।
-बच्चों को जितना हो सके घर का खाना दें, फास्ट फूड और ज्यादा ऑयली फूड से बच्चों को दूर रखें।
-अगर बच्चा हड्डियों में हो रहे दर्द को लेकर ज्यादा परेशान है तो डॉक्टर को दिखाने में जरा भी देर न करें।
-1 हफ्ते से ज्यादा खांसी-जुकाम को इग्नोर न करें।
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