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11 साल की लीना रफीक ने किया अनोखा कारनामा, बनाया आंखों की बीमारियों का पता लगाने वाला एप

  • Edited By palak,
  • Updated: 24 Apr, 2023 01:23 PM
11 साल की लीना रफीक ने किया अनोखा कारनामा, बनाया आंखों की बीमारियों का पता लगाने वाला एप

अगर जहानत और कुछ करने का जज्बा हो तो उम्र बेमानी हो जाती है, कभी-कभी बच्चे वो कारनामा कर जाते हैं जिसको बड़े भी तसव्वुर नहीं कर पाते। अपनी इस सलाहियत को अंजाम तक पहुंचाया है महज 11 साल की बच्ची ने केरल की रहने वाली लीना रफीक ने आईफोन का इस्तेमाल करके एक अनूठी स्क्रेनिंग प्रक्रिया के माध्यम से आंखों की बीमारियों और अन्य स्थितियों का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीगेंसी पर आधारित एक एप (app) बनाया है। 

ओग्लर आईस्कैन दिया एप को नाम

लीना ने एप्लिकेशन को 'ओग्लर आईस्कैन' (Ogler EyeScan) का नाम दिया है और इसे उसने 10 साल की उम्र में ही क्रिएट कर लिया था। अब इस एआई एप के आविष्कार के एक साल बाद, लीना ने इसे एप स्टोर में जमा कर दिया है, जहां से आईओएस यूजर्स उसके एप तक पहुंच सकते हैं। हाल ही में लीना ने लिंक्डइन पर अपनी इस लेटेस्ट अचीवमेंट को साझा किया। इससे पहले भी लीना ने महज छह साल की उम्र में, अपने स्कूल की विज्ञान प्रदर्शनी के लिए बिल्कुल शुरुआत से एक वेबसाइट बना डाली थी। 

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लिंक्डइन पर साझा की एप से संबंधित जानकारी

ये डिवाइस कैसे काम करेगी इसकी इनफार्मेशन देने के लिए लीना ने लिंक्डइन का सहारा लिया और एक वीडियो के जरिए इसे बताने की कोशिश की। लीना ने कहा कि उसका एप्लिकेशन "एडवांस कंप्यूटर विजन और मशीन लर्निंग" एल्गोरिदम का इस्तेमाल करके ओग्लर फ्रेम रेंज के अंदर आंखों का पता लगाने के लिए प्रकाश और रंग की तीव्रता, दूरी और लुक-अप पॉइंट जैसे तरह-तरह के मापदंडों का विश्लेषण कर सकता है। यह प्रकाश फटने की किसी भी मुश्किल हालात की पहचान करता है और यह भी कि क्या आंखें स्कैनर फ्रेम के ठीक अंदर स्थित हैं। एक बार स्कैन की क्वालिटी पुख्ता हो जाने के बाद, एप आर्कस, मेलानोमा, पर्टिगियम और मोतियाबिंद जैसी संभावित आंखों की बीमारियों या स्थितियों का निदान करने के लिए प्रशिक्षित यानि trained मॉडल का उपयोग करता है। इस एप को बिना किसी तीसरे पक्ष के पुस्तकालय या पैकेज के स्विफ्टयूआई के साथ मूल रूप से विकसित किया गया था, और इस इनोवेटिव एप को जीवन में लाने के लिए मुझे छह महीने का शोध और विकास करना पड़ा।

एप बनाने के लिए सिखी कई चीजें

लीना ने कहा कि इसके लिए उन्होंने विभिन्न नेत्र स्थितियों, कंप्यूटर विजन, एल्गोरिदम, मशीन लर्निंग मॉडल और Apple iOS विकास के उन्नत स्तरों के बारे में काफी कुछ सीखा, जिसमें सेंसर डेटा, AR, CreateML, CoreML और बहुत कुछ चीजें शामिल हैं। हालांकि,ध्यान देने वाली बात है कि Ogler EyeScan केवल iPhone 10 और इसके बाद के जिसमें सेंसर डेटा, AR, CreateML, CoreML और बहुत कुछ चीजें शामिल हैं। हालांकि,ध्यान देने वाली बात है कि Ogler EyeScan केवल iPhone 10 और इसके बाद के संस्करण iOS 16+ को स्पोर्ट करता है।लीना के इतनी कम उम्र के इस जादुई इनोवेशन से लोग बेहद प्रभावित हो रहे हैं और उन्हें बधाई दे रहे हैं। 

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