हिंदू धर्म में एकादशी व पूर्णिमा का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा कहा जाता है। इसे जेठ पूर्णिमा या जेठ पूर्णमासी भी कहते हैं। इस माह की पूर्णिमा 24 जून दिन गुरुवार को पड़ रही है। यह शुभ दिन श्रीहरि को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा, व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही कुछ खास उपाय करने के घर में अन्न व धन की बरकत बनी रहती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन बन रहा शुभ संयोग
इस दिन पूर्णिमा व ज्येष्ठ महीने का पहला गुरुवार है और ये दोनों दिन ही श्रीहरि को समर्पित माने जाते हैं। ऐसे में यह खास व शुभ संयोग बनने से इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। इस दिन भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी, हनुमान जी और चद्रमा की पूजा करने से शुभफल की प्राप्ति होती है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 24 जून 2021, दिन गुरुवार, सुबह 03:32 मिनट से
पूर्णिमा तिथि समाप्न 25 जून 2021, दिन शुक्रवार, रात 12:09 मिनट तक
चलिए जानते हैं उन खास उपायों के बारे में...
देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए
इस शुभ दिन पर 11 कौड़ियां लाल कपड़े में रखें। फिर इसे देवी लक्ष्मी के चरणों में रखें। मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करके कौड़ियों पर हल्दी व केसर का तिलक लगाएं। इसके बाद उन कौड़ियों को कपड़े के साथ उठाकर घर की तिजोरी या अपने धन रखने वाली जगह पर रख दें। मान्यता है कि इससे घर-परिवार पर देवी लक्ष्मी की कृपा रहती है।
मनोकामना की पूर्ति के लिए
ज्येष्ठ पूर्णिमा पर चंद्रदेव की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। इसके लिए चंद्रउदय होने पर दूध में शहद और चंदन मिलाकर चंद्रमा को अर्घ्य दें।
जीवन की समस्याएं दूर करने के लिए
इस शुभ दिन पर सुबह जल्दी उठकर पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा चढ़ाएं। साथ ही जल अर्पित करें।
कारोबार में लाभ के लिए
कारोबार व बिजनेस में तरक्की पाने के लिए पूर्णिमा तिथि पर एक लोटे पानी में थोड़ा सा कच्चा दूध व कुछ बताशे मिलाकर पीपल वृक्ष पर चढ़ाएं।