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अपने 6 माह से बड़े बच्चे को खिलाएं सूजी की खीर, जानिए बनाने का तरीके व फायदे

  • Edited By neetu,
  • Updated: 13 Jun, 2021 07:07 PM
अपने 6 माह से बड़े बच्चे को खिलाएं सूजी की खीर, जानिए बनाने का तरीके व फायदे

शिशु के 6 महीने का होने तक मां का दूध ही उसके लिए संपूर्ण आहार होता है। मगर सातवें महीने से बच्चे के दांत आने लगते हैं। ऐसे में उसके शारीरिक व मानसिक विकास के लिए उसे बाहर की चीजें खिला सकते है। मगर अक्सर पेरेंट्स को बच्चे की डाइट को लेकर समस्याएं रहती है। असल में, बच्चे को पोषक तत्व व एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर चीजें खिलानी चाहिए। ऐसे में आप उन्हें सूजी की खीर बनाकर खिला सकते हैं। यह खाने में हल्दी-फुल्की होने के साथ पौष्टक गुणों से भरपूर होगी। इसके सेवन से शिशु को एनर्जी मिलने के साथ हैल्दी रहने में मदद मिलेगी। चलिए जानते हैं इसे बनाने की रेसिपी व फायदों के बारे में...

सूजी की खीर बनाने की रेसिपी 

 

सामग्री

सूजी- 1/2 कप 
दूध- 2 कप 
देसी घी- 2 बड़े चम्मच
पीसी चीनी- स्वाद अनुसार 
ड्राई फ्रूट्स- 1/2 कप (छोटे टुकड़ों में कटा)

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विधि

. पैन में ड्राई फ्रूट्स भून कर अलग निकाल लें। 
. उसी पैन में सूजी भूनें। 
. अब इसमें दूध डालकर लगातार चलाते हुए पकाएं। 
. एक उबाल आने पर खीर में मावा मिलाएं। 
. अब इसमें चीनी पाउडर और डाई फ्रूट्स डालकर गाढ़ा होने तक पकाएं। 
. तैयार सूजी की खीर को हल्का ठंडा करके शिशु को खिलाएं। 

शिशु को सूजी की खीर खिलाने के फायदे...

 

एनर्जी दिलाए

सूजी, दूध, ड्राई फ्रूट्स, घी आदि से तैयार खीर एनर्जी बूस्टर डिश है। सभी चीजें पोषक तत्व व एंटी-ऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर होने से बच्चे का बेहतर शारीरिक व मानसिक विकास करने में मदद करेगी। साथ ही इसके सेवन से थकान, कमजोरी दूर होकर बच्चा दिनभर एनर्जेटिक महसूस होगा। 

पेट रखे दुरुस्त 

सूजी लो कोलेस्ट्रॉल आहार है जो पेट खराब होने पर दवा की तरह काम करती है। वहीं छोटे बच्चों को पेट संबंधी समस्या अक्सर रहती है। ऐसे में बिना परेशान हुए शिशु के सूजी की खीर बनाकर खिला सकती है। इससे बच्चे का पाचन तंत्र मजबूत होगा। ऐसे में पेट दर्द, अपच, एसिडिटी आदि की समस्या से आराम मिलेगा। साथ ही यह पचाने में हल्की होगी। ऐसे में इसके सेवन से बच्चे को पेट में भारीपन महसूस नहीं होगा। 

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शिशु में आयरन की कमी करे दूर 

एक रिसर्च के अनुसार, 6 महीने से बड़े बच्चे को एक दिन में 11 मिलीग्राम आयरन जरूरी है। असल में, मां के दूध में आयरन कम होता है। इसलिए शिशु को आयरन सही मात्रा में नहीं मिल पाता है। मगर इसकी कमी से शिशु में थकान, कमजोरी, पीलापन आदि लक्षण देखने में मिल सकते हैं। ऐसे में आप बच्चे को सूजी की खीर बनाकर खिला सकते हैं। सूजी आयरन का एक उचित स्त्रोत मानी गई है। इसकी तैयार खीर खाने से शिशु में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ेगी और कोशिकाओं में विकास होने में मदद मिलेगी। 

तेज दिमाग के लिए 

सूजी की खीर में घी डाला जाता है। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसि़ड्स भरपूर होते हैं। इससे बच्चे का मेटाबॉलिज्म बढ़ने के साथ उसे ताकत मिलेगी। ऐसे में तेजी से दिमाग का विकास होगा। इसके अलावा इसमें मौजूद ड्राई फ्रूट्स भी दिमाग का विकास करने में मदद करेंगे। 

हड्डियों के विकास में फायदेमंद 

सूजी की खीर दूध से बना जाती है। ऐसे में इसके सेवन से बच्चे को विटामिन डी, कैल्शियम व अन्य जरूरी विटामिन्स व मिनरल्स मिलेंगे। इससे शिशु के  मांसपेशियों व हड्डियों में मजबूती आएगी। ऐसे बेहतर शारीिरक विकास होने में मदद मिलेगी। साथ ही उसकी भी बढ़ने में किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं आएगी। 

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