संविधान के अनुच्छेद 42 के तहत कामकाजी महिलाओं को मां बनने पर तमाम अधिकार दिए गए हैं। भारत में मैटरनिटी लीव यानी मातृत्व अवकाश भी हर महिला का अधिकार है और इसे कोई भी उनसे छीन नहीं सकता। पिछले कुछ समय से जहां मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 9 महीने तक करने तक की मांग उठ रही है तसे वहीं दूसरी तरफ एक राज्य ने बड़ा फैसला सुनाकर मीहलाओं को बड़ा तोहफा दे दिया।
सिक्किम के मुख्यमंत्री ने की घोषणा
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी सरकार अपने कर्मचारियों को 12 महीने का मातृत्व अवकाश और एक महीने का पितृत्व अवकाश देगी।सिक्किम राज्य सिविल सेवा अधिकारी संघ (एसएससीएसओए) की वार्षिक आम सभा को संबोधित करते हुए तमांग ने कहा कि यह लाभ प्रदान करनअ के लिए सेवा नियमावली में बदलाव किया जाएगा।
नौकरीपेशा महिलाओं को मिला बड़ा तोहफा
मुख्यमंत्री ने कहा- इससे सरकारी कर्मचारियों को अपने बच्चों और परिवार की बेहतर देखभाल करने में मदद मिलेगी। जल्द ही इसकी विस्तृत जानकारी अधिसूचित की जाएगी। मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 के तहत नौकरीपेशा महिला छह महीने या 26 सप्ताह के सवेतन मातृत्व अवकाश के लिए अधिकृत है। हिमालयी राज्य सिक्किम में देश की सबसे कम आबादी है और यहां मात्र 6.32 लाख लोग रहते हैं।
बाकी जगह मिलती है 6 महीने की मैटरनिटी लीव
बता दें कि मैटरनिटी लीव वह है, जिसके तहत एक महिला कर्मचारी को उसकी गर्भावस्था, बच्चे के जन्म और उसकी शुरुआती देखभाल के लिए छुट्टी दी जाती है। महिलाओं को इस अवकाश के लिए उसकी कंपनी पैसों का भुगतान भी करती है। भारत में 26 हफ्ते यानी 6 महीने की मैटरनिटी लीव मिलती है।
2017 से पहले कामकाजी महिलाओं को 12 हफ्ते यानी तीन महीने की ही मैटरनिटी लीव मिलती थी।
बाकी देशाें का ये है कानून
वैसे तो देख का कानून यह भी कहता है कि तीन महीने से कम उम्र के बच्चों को गोद लेने वालीं या सेरोगेट मदर्स को भी 12 हफ्ते की मैटरनिटी लीव दी जाएगी। बता दें कि दुनिया में सबसे लंबे समय तक मैटरनिटी लीव क्रोएशिया में मिलती है. यहां कामकाजी महिलाओं को 58 हफ्ते की छुट्टी मिलती है. वहीं, नॉर्वे में 56 और स्वीडन मे 55 हफ्तों की मैटरनिटी लीव मिलती है। इसके अलावा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके, मोंटेनेगरो, बोसनिया, अल्बानिया और जर्मनी में महिलाओं को 52 हफ्ते की मैटरनिटी लीव मिलती है।