इन दिनों एशियन गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों की बोल- बाला देखने को मिल रहा है। कई सारे खिलाड़ी अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिखाते हुए पदक अपने नाम कर रहे हैं। ये देश के लिए काफी एतिहासिक पल हैं। इसी बीच पंजाब के होशियारपुर की एथलीट हरमिलन बैंस ने 800 मीटर दौड़ में दूसरे स्थान पर रहकर फिर से सिल्वर मेडल जीता। इससे 2 दिन पहले भी हरमिलन ने 1500 मीटर रेस में सिल्वर मेडल जीता था। इसके बाद से परिवार और शहर के लोगों में जश्न का माहौल है। बता दें हरमिलन के पिता अमनदीप ने 1996 में एसएएफ (साउथ एशियन फेडरेशन) खेलों में 1500 मीटर में रजत पदक जीता था जबकि उनकी मां माधपरी ने 2002 में बुसान एशियाई खेलों में 800 मीटर में रजत पदक जीता था और 2004 में पाकिस्तान में आयोजित एसएएफ खेलों में 1500 मीटर और 800 मीटर में स्वर्ण पदक जीता था। हरमिलन देश की एक मात्र महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने 2 स्पर्धोओं के लिए क्वालिफाई किया है।
बचपन से ही था खेल से लगाव
हरमिलन को बचपन से ही खेलों से लगाव था। वो अपनी मां माधुरी के साथ प्रैक्टिस पर जाती थी। जब वो स्कूल में थी तो उन्होंने running competition में पार्ट लेना शुरु कर दिया था। साल 2018 में 12वीं कक्षा में हरमिलन ने 800 और 1500 मीटर से राष्ट्रीय सीबीएसई गेम्स में रिकॉर्ड कायम किए। ये दो रिकॉर्ड अभी भी उनके नाम हैं। उनके नाम ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी खेलों में भी रिकॉर्ड है। 2021 में ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप प्रतियोगित में महिलाओं की 1500 मीटर 4:05.39 मिनट दौड़कर सुनीता रानी के के 4:06.03 मिनट का राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ा चुकी हैं। वहीं हरमिलन इस समय चंडीगढ़ में में आरबीआई में क्लास वन अधिकारी के रूप में तैनात हैं।
ऐसे की एशियन गेम्स की तैयारी
हरमिलन अपने पिता के साथ ही 1500 मीटर और मां के साथ 800 मीटर रेस की प्रैक्टिस करती हैं। एशियन गेम्स से पहले वो 4 महीने तक प्रैक्टिस के लिए यूके गईं और वहीं रहकर अपनी ट्रेनिंग की। वहां से लौटकर वो इंडिया कैंप में शामिल हुईं और एशियन गेम्स में पदक जीतक इतिहास रचा दिया।