नारी डेस्क: आज देश भर में दशहरा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान राम की पूजा की जाती है और रावण का दहन किया जाता है। दशहरे के दिन दीपक जलाने की परंपरा को बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दीपक जलाने से न केवल घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, बल्कि इससे सुख, शांति, और समृद्धि भी घर में आती है। धार्मिक और वास्तु शास्त्र में भी दीपक जलाने को सकारात्मकता लाने का एक महत्वपूर्ण तरीका माना गया है।
दीपक जलाने का धार्मिक महत्व
दशहरे के दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस दिन दीप जलाना अच्छाई और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। दीपक जलाने से घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है। यह मान्यता है कि दशहरे के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है। दीपक को हमेशा से अंधकार और नकारात्मकता को दूर करने का प्रतीक माना गया है। दशहरे के दिन दीपक जलाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कितने दीपक जलाने चाहिए?
दशहरा पर दसों दिशाओं में दीया जलाने का विधान है, ऐसे में आप 10 दीए जलाएं। इन सभी दीयों में सरसों के तेल का उपयोग करें. 5 दीया पवित्र और पूजनीय पौधों जैसे तुलसी, पीपल, शमी, बरगद और केले आदि के पास रखें और इनमें आप तिल के तेल का उपयोग करें। इसके अलावा भगवान राम के आगे घी का दीया जलाएं और एक घर की तिजोरी में भी जलाना चाहिए. जिसमें आप अलसी के तेल का उपयोग करें। दशहरे के दिन रसोई में एक दीपक जलाने से परिवार को धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
दीपक जलाने का नियम और दिशा
मुख्य द्वार पर दीपक जलाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि दीपक उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखा जाए। पूजा स्थल पर दीपक पूर्व दिशा में रखना सबसे शुभ माना जाता है। दशहरे के दिन दीपक जलाने का सबसे शुभ समय संध्या काल यानी सूर्यास्त के समय होता है। संध्या के समय दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मकता आती है।
दीपक जलाते समय ले संकल्प
दीपक जलाते समय मन में सकारात्मक विचार और संकल्प होना चाहिए। यह पूजा का एक अहम हिस्सा है, जो आपके विचारों और भावनाओं के साथ दीपक की रोशनी में समर्पित होता है।दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है, नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, और परिवार की रक्षा होती है। दिशाओं और समय का ध्यान रखते हुए दीपक जलाने से त्योहार की शुभता और भी बढ़ जाती है।