भारत की कई जगहों पर छठ पूजा का महापर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान महिलाएं घर की सुख-शांति व संतान के सुखी जीवन की कामना करने के लिए निर्जला व्रत रखती है। पौराणिक कथा अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा को छठ पूजा करने की सलाह दी थी। मगर इस छठ पूजा दौरान कुछ खास नियमों की पालना करनी पड़ती है। तभी व्रत का पूरा फल मिलता है।
साफ-सफाई का रखें ध्यान
आमतौर पर बच्चे चीजों को बिना धोएं छूने लगते हैं। ऐसे में गंदे हाथों से पूजा का सामान छूने से वह अपवित्र हो सकता है। इसलिए बच्चों को पूजा सामग्री से दूर रखें। साथ ही सामग्री को साफ और सही जगह पर रखें। इसके अलावा खुद भी हाथ धोकर ही चीजों को छुएं। गंदे हाथों से छुई सामग्री को इस्तेमाल करने से बचें।
मन्नत करें पूरी
अगर आपने कोई मन्नत मांगी या संकल्प लिया है तो उसे जल्द से जल्द पूरा कर लें। नहीं तो आपको छठी मईया की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
लहसुन-प्याज का सेवन न करें
अगर आप छठ पर्व का व्रत रख रही हैं तो इस दौरान खाने में लहसुन-प्याज न डालें। धार्मिक मान्यताओं अनुसार किसी भी व्रत व शुभ तिथि पर प्याज-लहसुन खाने से बचना चाहिए।
इस बर्तन में चढ़ाएं सूर्य देव को जल
इसमें भगवान सूर्य देव की पूजा करने का महत्व है। मगर सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए चांदी, स्टील या प्लास्टिक के बर्तन का इस्तेमाल न करें।
अलग स्थान पर बनाएं प्रसाद
छठ पूजा का प्रसाद उस जगह पर बनाने से बचना चाहिए जहां रोजमर्रा में खाना बनता है। ऐसे में आप अपनी किचन की जगह किसी अन्य जगह की सफाई करें। उस स्थान को पवित्र करके प्रसाद बनाएं।
व्रती महिलाएं जमीन पर सोएं
व्रती महिलाओं को बेड या चारपाई पर सोने से बचना चाहिए। इस दौरान महिलाओं को जमीन पर कपड़ा बिछाकर ही सोना चाहिए।