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लॉकडाउन में बच्चों को ना होने दें गैजेट्स एडिक्ट

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 28 Apr, 2020 09:11 AM
लॉकडाउन में बच्चों को ना होने दें गैजेट्स एडिक्ट

लॉकडाउन में बच्चे ज्यादा बोर हो गए हैं क्योंकि घर में पूरी तरह से बंद होने के कारण वे घर के पास के पार्क तक में भी खेलने नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में बोरियत से बचने के लिए ज्यादातर बच्चे इन दिनों मोबाइल, टी.वी. या अन्य दूसरे गैजेट्स पर अपना समय ज्यादा बिता रहे हैं।

 

पेरेंट्स भी नन्हें शैतानों को घर में ही टिकाकर बैठाने के लिए मोबाइल इत्यादि दे देते हैं परंतु बच्चों को वक्त काटने के लिए जरूरत से ज्यादा मोबाइल या अन्य गैजेट देना न तो सही कहा जा सकता है और न ही सुरक्षित माना जा सकता है। आप चाहें तो लॉकडाउन के इस मुश्किल समय में अपने नन्हें बच्चों को बिजी रखने के लिए किसी न किसी एक्टिविटी में इन्वॉल्व कर दें। इससे जहां वे मस्ती करेंगे, वहीं कुछ न कुछ नया भी सीख सकते हैं।

सुबह और शाम बच्चों के साथ खेलें

लॉकडाउन से बच्चों ही नहीं, हमारी रूटीन में भी फर्क आ गया है जो सेहत के लिहाज से अच्छा नहीं माना जा सकता। बड़े और बच्चे दोनों ही बैठे हुए मोबाइल टी.वी. लैपटॉप या अन्य गैजेट्स में बिजी होकर अपना टाइम पास कर रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि आप सुबह और शाम अपने बच्चों के साथ अपने घर के आंगन या बालकनी में आधा-आधा घंटा खेलने की आदत डालें।

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फिजीकल एक्सरसाइज

बच्चों के साथ गेम्स खेलेंगे तो आपकी भी फिजीकल एक्सरसाइज हो जाएगी। आप उनके साथ क्रिकेट, बैडमिंटन, रेबिट वॉक, मंकी वॉक, लंगड़ी टांग, स्टापू या रस्सी कूदना जैसे अनेक गेम्स खेल सकती हैं, जोकि कम जगह पर भी आराम से खेलें जा सकती हैं।

घर पर ही मनाएं पिकनिक

किसी रूम में टैंट लगाकर फ्लोर पर दरी या मैट बिछा लें और कुछ स्नैक्स इत्यादि बना लें। अब इसमें बच्चों के साथ बैठकर पिकनिक मनाएं। यकीन मानें बच्चों को भी यह नया एक्सपीरियंस काफी पसंद आएगा।

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रोजाना रखें स्टोरी सैशन

अगर बच्चे छोटे हैं तो रोजाना उन्हें कहानियां पढ़कर सुनाएं और अगर बड़े हैं तो उन्हें कहें कि वे रोज नई कहानियां पढ़ें और शाम को फैमिली मैंबर्स को सुनाएं। कभी-कभी आप भी उन्हें कहानी सुना सकती हैं। इससे उनमें स्टोरी टैलिंग का हुनर डिवैल्प होगा।

क्राफ्ट वर्क करवाएं

आप अपने बच्चों को क्राफ्ट वर्क में भी बिजी कर सकती हैं, जिससे स्कूल खुलने के बाद अपना प्रोजेक्ट बनाने में उन्हें आसानी होगा।

स्कूल खुलने पर बच्चों को नहीं आएगी मुश्किल

अगर अभी आपने अपने बच्चे को गैजेट एडिक्ट बनने से नहीं रोका तो आपको आगे चलकर मुश्किल आएगी क्योंकि लॉकडाउन में तो बच्चों का गैजेट्स में बिजनी रहना भले ही पेरेंट्स को न अखर रहा हो। परंतु अगर आप उन्हें समर वैकेशन की तरह दूसरी गतिविधियां में बिजी रखती हैं तो स्कूल खुलने पर वे अपने दोस्तों, टीचर्स एवं पढ़ाई में फिर से बिजी हो जाएंगे।

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