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तप की देवी मानी जाती है मां ब्रह्मचारिणी, ऐसा है देवी-दुर्गा का द्वितीय स्वरुप

  • Edited By palak,
  • Updated: 21 Mar, 2023 06:09 PM
तप की देवी मानी जाती है मां ब्रह्मचारिणी, ऐसा है देवी-दुर्गा का द्वितीय स्वरुप

चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ हो चुका है, नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा की जाती है। वहीं नवरात्रि के दूसरे दिन मां के दूसरे स्वरुप में ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। ब्रह्मा का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ होता है आचरण करने वाली। ऐसे में मां ब्रह्मचारिणी के नाम का अर्थ है तपस्या का आचरण करने वाली। मां के एक हाथ में जप की माला और दूसरे हाथ में कमण्डल होता है। तो चलिए आपको बताते हैं कि नवरात्रि के दूसरे दिन आप कैसे मां को प्रसन्न कर सकते हैं....

कैसे करें मां की पूजा? 

सुबह स्नान करके मां को पंचामृत से स्नान करवाएं। इसके बाद मां को रोली, चंदन, चावल अर्पित करें। मां की पूजा के लिए आप गुड़हल या फिर कमल के फूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद मां को दूध से बनी चीज का भोग लगाएं। घी का दीपक जलकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। 

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पूजा का महत्व 

मां की सच्चे दिल से पूजा करने से वह मनचाहा फल देती हैं। मां का यह स्वरुप अनंत फल देने वाला है नियमित पूजा करने से ज्ञान की वृद्धि होती है और कई तरह की समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है। मां ब्रह्मचारिणी ने अपने तप के जरिए हजारों राक्षसों का अंत किय था। तप से मां को असीम शक्ति प्राप्त हुई थी। सच्चे दिल से मां की अराधना करने से जीवन में संयम, बल, सात्विक, आत्मविश्वास बढ़ता है। मां की शक्ति के प्रभाव से तन-मन समेत कई दोष दूर होते हैं। 

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मां को प्रसन्न करने के लिए मंत्र 

मां का प्रसन्न करने के लिए आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रुपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ऊं देवी ब्रह्मचारिण्यै नम:। 

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