भाई बहन का रिश्ता दुनिया का सबसे अनमोल रिश्ता है। इस एक रिश्ते में ही मां-बाप, दोस्त और ना जाने कितने रिश्ते मिल जाते हैं। जहां एक बहन के लिए बड़ा भाई पिता तो छोटा भाई बेटे समान होता है वहीं भाई के लिए भी बड़ी बहन मां समान होती है।
लाड़-प्यार, खट्टी-मीठी नोक-झोंक का रिश्ता
लाड़-प्यार, खट्टी-मीठी नोक-झोंक से जुड़ा यह रिश्ता बचपन से अपने आंचल में कई यादें संजोता है। कभी घर देर से आने पर डांट देना, कभी पिता की डांट से बचाना तो कभी दोस्त बनकर सलाह देना, भाई का अपनी बहन की केयरिंग के अलावा प्यार और स्नेह के भावों को दर्शाता है। यही वजह है कि पुराने समय से लोग राखी का त्यौहार धूम-धाम से मनाते आ रहे हैं। मां की जुबान से भी आपने मामा से जुड़ी ना जाने कितनी यादों के किस्से सुने होंगे।
मुसीबत में भी सच्चे हमदर्द
रक्षाबंधन के पावन पर्व पर भाई सिर्फ अपनी बहन की रक्षा करने का ही वचन नहीं देता बल्कि वह उसके साथ हर सुख-दुख बांटने का वचन भी देता है। चाहे कोई भी मुसीबत आ जाए भाई-बहन हमेशा किसी हमदर्द की तरह एक-दूसरे के साथ चट्टान बनकर खड़े रहते हैं।
सबसे भरोसा वाला रिश्ता
भले ही भाई-बहन में कितनी भी नोक-झोंक क्यों ना हो लेकिन एक बहन जितना भरोसा अपने भाई पर करती है, उतना किसी पर नहीं करती। भाई भी अपनी बहन से हर बात आसानी से शेयर कर लेते हैं। यह खट्टी-मीठी तकरार, लड़ाई और शरारतें ही है जो भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाती है।
भाई के फर्ज...
बड़ा हो या छोटा, हर भाई का फर्ज है कि वह ना सिर्फ अपनी बहन की रक्षा करें बल्कि उनकी भावनाओं का भी सम्मान करें। अपनी बहन को समाज की बुराइयों से बचाए लेकिन आसमान में उड़ने के लिए पंख भी दें। वहीं अपनी बहन की प्राइवेसी का सम्मान करें और उसपर नजर रखने की बजाए भरोसा रखें।
आज की तेज भागती जिंदगी में भाई-बहन के दिनों में भले ही फासले आ गए हो लेकिन राखी का त्यौहार दोनों को करीब ले ही आता है। भाई-बहन के रिश्ते में कशिश ही ऐसी है, जो मीलों के फासलें को भी मिटा देती है।