बैसाखी का महापर्व हर साल मेष संक्रांति पर मनाया जाता है। दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में इन सब की सब से ज्यादा धूम देखने को मिलती है। इस बार ये त्योहार 13 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन किसान अपनी फसलें काटते हैं और ये पंजाबियों का नया साल भी होता है। इस मौक पर किसान भगवान का शुक्रिया अदा करते हैं और फसल से पैदा हुए कुछ अन्न को अग्नि देव को समर्पित करते हैं। इन दिनों में भगवान विष्णु की पूजा करना भी बहुत शुभ और फलदायी होता है। आप कुछ विशेष उपाय करके बैसाखी में पुण्य कमा सकते हैं। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में...
शुभ फल के लिए
बैसाखी के दिन किसी नदी तीर्थ पर जाकर स्नान और दान करने से बहुत पुण्य फल मिलता है। ऐसे में यदि संभव हो तो इस पर्व पर गंगा स्नान करके नई फसल से पैदा हुए अनाज को किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें।
लक्ष्य प्राप्ति के लिए
बैसाखी का पर्व मेष की मकर संक्रांति पर पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार गेंहू का संबंध सूर्य से है, ऐसे में इस दिन गेहूं का दान विशेष रूप से किया जाए तो व्यक्ति को सूर्य ग्रह से शुभ फल की प्राप्ति होती है और उनके घर में आत्मविश्वास आता है। सूर्य देवता से जुड़े इस उपाय को करने से जीवन के सभी लक्ष्य प्राप्त होते हैं और मान- सम्मान मिलता है।
सुख प्राप्ति के लिए
इस पावन दिन पर सुख और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को दिन में की जाने वाली पूजा में विशेष रूप से आटे का दीया बनाकर शुद्ध घी डालकर जलाना चाहिए।
करियर में तरक्की के लिए
अगर आपको लगता है कि लगातार कड़ी मेहनत करने के बाद भी आपको करियर में सफलता नहीं मिल रही है तो बैसाखी के दिन मूंग दाल की खिचड़ी बनाकर भूखे और गरीब लोगों में बाटें।
सोए भाग जगाने के लिए
अपने सोये हुए भागों को जगाने के लिए बैसाखी के दिन भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर एक पीले कपड़े में चने की दाल और गुड़ चढ़ाना चाहिए।
नोट- बैसाखी को असम में बोहाग बिहु, पश्चिम बंगाल में नबा वर्षा, केरल में पूरम विशु और आंध्र प्रदेश में उगादी के नाम से मनाया जाता है।