पूरे देश में बहुत तेजी से नकली दवओं का धंधा फैल रहा है। ये वाकई सोचने वाली बात है क्योंकि हम पूरे भरोसे से दवा लेते हैं ताकि हमारी सेहत बेहतर हो सके। लेकिन मेडिकल कंपनी हमारे भरोसे से खिलवाड़ कर रही है और धड़ल्ले से नकली दवाओं की काला बाजारी चल रही है। कभी हाल ही में तेलंगाना के औषधि नियंत्रण प्रशासन (डीसीए) ने 33. 35 लाख रुपये की कीमत की चॉक पाउडर और स्टार्च से बनीं नकली दवाएं जब्त की है। ये पता चला है कि चॉक पाउडर और स्टार्च युक्त नकली दवाएं मेडिकल दुकानों में एक ऐसी कंपनी के नाम से बेची जा रही थीं, जो नकली हैं। ये दवाएं 'मेग लाइफसाइंसेज' नाम की फर्जी कंपनी के द्वारा बेची जा रही थीं। मीडियो के रिपोर्ट के मुताबिक ये दवाएं हैदाराबाद भी सप्लाई की जाती थीं। मामले में गिरफ्तर किए गए एक आरोपी ने लोकप्रिय दवाओं के नकली वर्जन बनाने की बात को मना है।
इन 3 दवाओं की बिक्री पर सरकार ने लगाया बैन
मेग लाइफ साइंसेज की 3 दवाओं - एमपीओडी 200, मेक्सक्लेव 625, और सीईएफओएक्सआईएम-सीवी - में केवल "चॉक पाउडर और स्टार्च है, जो किसी भी व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए सरकार ने इन पर बैन लगा दिया है।
इससे पहले भी पकड़ी जा चुकी है नकली दवाएं
इससे पहले, इसी तरह के एक मामले में सिप्ला और ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन जैसी नामी दवा कंपनियों के लेबल के साथ चॉक पाउडर युक्त नकली दवाएं बनाई और बेची जा रही थी। इसकी जांच के बाद उत्तराखंड में एक दवा निर्माण इकाई का भंडाफोड़ हुआ। ऑपरेशन में 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।