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व्यक्ति के मन में क्यों आता है आत्महत्या का विचार? जानिए इसके पीछे के कारण

  • Edited By Harpreet,
  • Updated: 14 Jun, 2020 05:18 PM
व्यक्ति के मन में क्यों आता है आत्महत्या का विचार? जानिए इसके पीछे के कारण

आत्महत्या, शब्द सुनने में ही कितना भयानक प्रतीत होता है। सोचकर देखिए जिस इंसान ने आत्महत्या की होगी, वह अंदर से कितना टूट चुका होगा, उसके लिए यह दुनिया कितनी खोखली बन चुकी होगी। बात करते हैं, बॉलीवुड के बेहद ही जाने-माने और टैलेंटिड एक्टर सुशांत सिंह के बारे में, जिन्होंने हाल ही में खुद की जान ले ली। सुशांत एक बहुत ही सुलझे और हमेशा चेहरे पर मुक्सान बनाई रखने वाले इंसान थे।

टी.वी. चैनल स्टार प्लस के शो 'किस देश में है मेरा दिल' से करियर की शुरुआत करने वाले सुशांत को असली पहचान जी.टी.वी के सीरियल पवित्र रिश्ता से मिली। उसके बाद सुशांत सिंह ने अपने कदम बॉलीवुड में रखें, एम.एस धोनी जैसी हिट फिल्में करने वाले सुशांत को देखकर कभी लगा न था, कि वह अपने जीवन से इतने निराश होंगे, कि जीवन में सब कुछ होते हुए भी, वह इस तरह का बड़ा कदम उठा लेंगे।

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जीवन में कभी स्थिर नहीं रहता, यह चलायमान है, व्यक्ति को एक चीज मिलती है तो उसका मन दूसरी चीज को पाने के लिए दौड़ पड़ता है। अब सुशांत की लाइफ को देखकर भला कौन कहेगा कि उनके पास किस चीज की कमी थी। गाड़ी, बंगला, दोस्त, फेम और क्या कुछ नहीं था उनके पास? मगर फिर भी इतना बड़ा कदम क्यों? न केवल सुशांत बल्कि दुनिया में हर रोज या फिर हम कह लें हर घंटे में कोई न कोई एक व्यक्ति सुसाइड करता है। आइए जानते हैं इसके पीछे छिपे कारण...

क्यों करते हैं लोग आत्महत्या?

आत्महत्या अपने आप में एक कठिन विषय है।  विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक आत्महत्या करने के पीछे 90 प्रतिशत एक ही वजह होती है, जिसका नाम है Dipression यानि अवसाद। रिपोर्ट के मुताबिक आज मनुष्य के पास सब कुछ होते हुए भी उसके मन में दूसरे व्यक्ति से हमेशा आगे रहने की होड़ लगी रहती है। अगर तो चीजें मन के मुताबिक चलती रहें तो ठीक, वरना कई लोग इच्छाएं पूरी न होने की वजह से डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है, जिसका इलाज बहुत कम संभव है। ऐसे में कुछ लोग इसकी चपेट में इतने ज्यादा आ जाते हैं कि उनके पास आत्महत्या ही एक आखिरी रास्ता बचता है।

हर वर्ष लाखों लोग करते हैं सुसाइड

WHO की रिपोर्ट के मुताबिक प्रत्येक वर्ष 8 लाख लोग सुसाइड करते हैं, जिसका अनुमान लगाया जाए तो प्रत्येक 40 सेकेंड में एक व्यक्ति आत्महत्या करता है। जिसमें महिलाओं से ज्यादा पुरुष शामिल होते हैं।

महिलाओं के मुकाबले पुरूष ज्यादा

स्टडी के अनुसार पुरूषों के मन में आत्महत्या का विचार अधिक आता है। जिसकी वजह कम सैलेरी, पारिवारिक कलह-कलेश और मनचाही नौकरी न मिलना, बच्चों की जिम्मेदारी इत्यादि कारण शामिल कर सकते हैं। वहीं महिलाएं कुछ बातों को सहन न कर पाने की स्थिति में आत्महत्या का विचार कर लेती हैं।

अशिक्षा

आत्म-हत्या का एक और मुख्य कारण है, व्यक्ति का अशिक्षित होना। कई बार तो पढ़े-लिखे लोग भी मनचाही नौकरी न मिलने पर सुसाइड कर लेते हैं, मगर इनसे भी ज्यादा अशिक्षित लोग आत्महत्या करते हैं। कुछ लोग मनचाहा जीवन साथी न मिलने पर भी ऐसा कूरूर कदम उठा लेते हैं।

यूं निकालें हल

आत्महत्या किसी भी परेशानी का हल नहीं है। व्यक्ति को अपने कर्मों का भुगतान इसी धरती पर करना पड़ता है, यदि वह ऐसा सोचता है कि आत्महत्या के बाद उसे उसके दुखों से मुक्ति मिल जाएगी, तो ऐसा सोचना उसका बिल्कुल गलत है। आत्महत्या की सोच जब भी मन में आए तो उसके बारे में अपने दोस्त, माता-पिता, जीवन साथी, बच्चे या अपने साथ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति से इस बारे में जरूर बात करें। आज हमारे दुखों की एक खास वजह है कि हम अपने दिल की बात एक दूसरे से कहने से कतराते हैं। मगर ऐसा करने से आप अपने ही अंदर घुटन महसूस करने लगते हैं। अगर आप इनमें से किसी के साथ बात नहीं करना चाहते तो कम से कम मनो चिकित्सिक से जाकर जरूर मिलें, आपकी हर मानसिक परेशानी का हल वहां आपको मिल जाएगा। अंदर ही अंदर घुटने से एक न एक दिन आपके मन में भी आत्म हत्या का विचार आ सकता है।

जीवन में कोई परेशानी ऐसी नहीं है जो आपकी लाइफ में सारी उम्र रहेगी, ऐसे में हर बुरी स्थिति में खुद को संभाले, वक्त है गुजर जाएगा....

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