22 NOVFRIDAY2024 5:44:48 PM
Nari

पिता की मौत के बाद खेती कर घर चला रही मां, बेटी देश को करेगी वर्ल्ड एथलेटिक्स में रिप्रेजेंट

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 18 Jan, 2021 02:55 PM
पिता की मौत के बाद खेती कर घर चला रही मां, बेटी देश को करेगी वर्ल्ड एथलेटिक्स में रिप्रेजेंट

कहते हैं कि अगर सपने पूरा करने की चाहत हो तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं लगती। नंगे पांव गांव की पथरीली मिट्‌टी पर दौड़ने-कूदने व जेवलिन थ्रो की प्रैक्टिस करने वाली मीनू सोरेन ने इस कहावत को सच कर दिखाया है। बिहार के भागलपुर, पीरपैंती आदिवासी बहुल कीर्तनियां से निकल कर मीनू अपना सपना साकार करने जा रही है।

अमेरिका गेम्स में भारत को रिप्रेजेंट करेंगी मीनू

दरअसल, मीनू अमेरिका जाकर साल 2022, 15 से 24 जुलाई ऑरिगन राज्य के यूजीन में होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत को रिप्रेजेंट करेंगी। बता दें कि इससे पहले वह दिसंबर 2017 में रोहतक में हुए 63वीं नेशनल स्कूल गेम एथलेटिक्स के बालिका अंडर-19 में पहले स्थान पर रही थीं। उन्होंने 44.51 मी. भाला फेंककर देश का गौरव बढ़ाया था।

PunjabKesari

जेवलिन थ्रो का इंटरनेशन रिकार्ड ताेड़ने का है लक्ष्य

मीनू, 8 साल से बिहार के बालिका एकलव्य आवासीय खेल प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेनिंग कर रही हैं। ट्रेनर राजीव लोचन के तकनीकी गुर और अपनी कड़ी मेहनत से मीनू 37 मी. से बढ़कर 47 मी. तक जेवलीन थ्रो करने में सक्षम हो गई है। फिलहाल उनका लक्ष्य इंटरनेशन 62 मी. जेवलिन थ्रो रिकार्ड तोड़ने का है।

पिता के निधन के बाद परिवार आर्थिक संकट में

आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण मीनू के परिवार के पास इतने पैसे भी नहीं कि वो उसे जरूरत का सामान दिला सके। उनके पिता मान सिंह सोरेन पत्थर तोड़ परिवार का पेट पालते थे लेकिन पिछले साल उनका भी निधन हो गया। इसके बाद से मीनू का परिवार आर्थिक तंगी झेल रहा है। उनकी मां हीरामणी हांसदा पुस्तैनी 2 बीघा जमीन में खेती करके परिवार का पालन- पोषण कर रही है। बावजूद इसके मीनू ने अपना हौंसला नहीं छोड़ा और कड़ी मेहनत में लगी हुई है।

PunjabKesari

खुद के पास अच्छे जूते तक नहीं

मीनू ने बताया कि खेल विभाग की तरफ से उन्हें ट्रेनिंग के लिए सस्ता व एल्यूमिनियम वाला जेवलीन दिया गया है। जबकि इंटरनेशन कॉम्पिटिशन के लिए उन्हें कार्बन और मेटल वाले रेंज जेवलीन चाहिए। इसकी कीमत करीब 65 हजार से 2 लाख रुपये तक है। उसके पास तो इंटरनेशन स्तर की प्रतियोगिता के अच्छे जूते तक नहीं हैं।

2020 में कैपटाउन से भी आया था बुलावा

उनका नाम 2020 में दक्षिण अफ्रीका, कैपटाउन में होने वाले ट्रेनिंग कैंप के लिए भी नॉमिनेट हुआ था लेकिन कोरोना के चलते इस प्रोग्राम को रद्द कर दिया गया था।

PunjabKesari

मीनू की उपलब्धियां

. कला, संस्कृति और युवा विभाग के राज्य खेल ऑथराइजेशन द्वारा उन्हें 2013 से 2018 तक 5 बार सम्मान मिला है, जो उन्हें  बिहार को राष्ट्रीय स्तर पर मेडल दिलाने के लिए दिए गए हैं।

. उन्हें 26 जनवरी, 2018 में तत्कालीन राज्यपाल ने राजभवन में विशिष्ट श्रेणी के खेल सम्मान से भी सम्मानित किया गया था।

. 2014 में रांची में 59वीं नेशनल स्कूल गेम एथलेटिक्स बालिका U-17 में उन्होंने दूसरा स्थान प्राप्त किया था। 2014, अप्रैल में ही वह हरिद्वार की 12वीं नेशनल इंटर जिला जूनियर एथलेटिक्स मीट में 2nd आई थी।

. जनवरी 2015, रांची में हुई 60वीं नेशनल स्कूल गेम एथलेटिक्स बालिका प्रतिस्पर्धा में वह प्रथम स्थान पर थी।

. जनवरी 2016, केरल कोजीकोड़ की 61वीं नेशनल स्कूल गेम एथलेटिक्स बालिका U-17 में उन्होंने दूसरा स्थान प्राप्त किया था।

. फरवरी 2017, बड़ोदरा में हुई 62वीं नेशनल स्कूल गेम एथलेटिक्स बालिका U-17 में उन्होंने पहला स्थान हासिल किया। दिसंबर 2017, रोहतक में 63वीं नेशनल स्कूल गेम एथलेटिक्स बालिका U-19 में भी वह प्रथम स्थान पर थी।

. नवंबर 2018, रांची में यूथ जूनियर नेशनल में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया। इसी साल सितंबर में हुई ईस्ट जोन प्रतियोगिता में उन्होंने गोल्ड मेडल प्राप्त कर देश का गौरव बढ़ाया।

PunjabKesari

Related News