कोरोना महामारी ने अभी तक लोगों में अपना प्रकोप फैलाया हुआ है लेकिन अब हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक ऐसी बात कही है जिसे सुनकर शायद लोगों को थोड़ी राहत मिल सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बीते दिन कहा है कि कोविड-19 अब वैश्विक आपातकाल के रुप में नहीं है। इस बात का अर्थ है अब इस खतरनाक बीमारी का अंत होने वाला है। कोरोना के कारण दुनिया भर की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई और इसके कारण कम से कम 7 मिलियन लोगों ने अपनी जान गवाई है। भले ही कोविड का आपातकालीन चरण खत्म हो गया है लेकिन अभी तक महामारी खत्म नहीं हुई है।
कई देशों में अभी भी खतरा
भले ही कोविड की आपातकालीन स्थिति खत्म हो गई है परंतु पैंडेमिक अभी तक खत्म नहीं हुआ है। दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व में अभी भी कोविड के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं सुंयक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि हर हफ्ते हजारों लोग अभी भी कोविड वायरस के कारण मर रहे हैं। वहीं SARS Cov-2 वायरस अभी भी लोगों में पाया जा रहा है और यह इंफेक्शन की बीमारी लोगों को बीमार कर रही है।
वैश्विक स्तर पर नहीं खत्म हुआ
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा है कि - 'यह बड़ी उम्मीद के साथ कह रहा हूं कि कोविड-19 को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करता हूं। इसका अर्थ यह नहीं है कि वैश्विक स्वास्थ्य के खतरे के रुप में कोविड-19 खत्म हो गया है परंतु संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने पहली बार 30 जनवरी को कोविड को एक अंतरराष्ट्रीय संकट घोषित किया था तब तक इसे कोविड-19 का नाम नहीं दिया गया था और चीन के बाहर भी कोई बड़ा प्रकोप नहीं था।'
कई देशों ने हटा दिए हैं रुल्स
तीन साल से ज्यादा समय के बाद वायरस ने विश्व स्तर पर अनुमानित 764 मिलियन मामने पैदा किए हैं और लगभग 5 बिलियन लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक भी मिल चुकी है। अमेरिका में भी कोविड-19 के संबंध में की गई सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन घोषणा 11 मई को खत्म होने वाली हैं। जब वैक्सीन जनादेश के साथ महामारी प्रतिक्रिया का समर्थन करने के लिए व्यापक उपाय भी खत्म कर दिए जाएंगे। इसके अलावा जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के अलावा भी कई देशों ने पिछले साल महामारी के खिलाफ अपने कई प्रावधान हटा दिए हैं।
आखिर क्यों पब्लिक ग्लोबल हेल्थ एमरजेंसी से हटाया गया
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि - 'कोरोना को पब्लिक ग्लोबल हेल्थ एमरजेंसी को हटाने का फैसला पिछले साल एक साल में हुए कोविड के केस में गिरावट को देखकर डब्ल्यूएचओ ने किया है।' विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोविड का इतना बड़ा असर हुआ कि स्कूल से लेकर ऑफिस तक सब बंद रहे। इसके अलावा इस दौरान कई लोग तनाव और चिंता से भी गुजरे और उन्होंने विश्व की अर्थव्यवस्था को भी नष्ट कर दिया।
ऐसे में भले ही कोविड आपातकालीन स्थिति नहीं रही लेकिन अभी भी थोड़ा सावधान रहने की जरुरत है। घर से बाहर निकलने से पहले सावधानी बरतें और हाथों का बार-बार सैनीटाइज करते रहें।