टोक्यो ओलंपिक का आज नौवां दिन हैं। इस बीच भारत के पास अभी फिलहाल एक मेडल सिल्वर आ चुका है, जोकि मणीपुर की महिला वेट लिफ्टर मीराबाई चानू ने जीता है। वहीं दूसरा ब्रांज मेडल मुक्केबाज लवलीना ने पक्का कर लिया हालांकि अभी भी उनके पास मौका है ब्रांज को सिल्वर और गोल्ड में बदलने का।
वहीं दूसरी तरफ, डिस्कस थ्रो क्वालिफिकेशन ग्रुप बी में भारतयी खिलाड़ी कमलप्रीत कौर ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बना ली है, पहले प्रयास में उन्होंने 60.29 मीटर का थ्रो किया, जबकि दूसरे प्रयास में 63.97 मीटर दूर डिस्क फेंका, तीसरे प्रयास में उन्होंने 64 मीटर के साथ ही फाइनल में एंट्री कर ली। हालांकि सीमा पूनिया फाइनल में जगह नहीं बना सकीं। वे 60.57 मीटर तक ही पहुंच सकीं।
वहीं अब इस तरह से एथलेटिक्स में भारत के मेडल की उम्मीद बढ़ गई है।
बतां दें कि अब महिला डिस्कस थ्रो का फाइनल 2 अगस्त को होना है। कमलप्रीत कौर ग्रुप बी में ओवरऑल दूसरे स्थान पर रहीं, अमेरिका की वालारी आलमैन ने 66.42 मीटर के साथ पहला स्थान हासिल किया।
ग्रुप ए में सीमा पूनिया का पहला प्रयास अवैध रहा, दूसरे प्रयास में उन्होंने 60.57 और तीसरे में 58.93 मीटर का थ्रो फेंका। अब फाइनल में 12 खिलाड़ी उतरेंगे।
बता दें कि एथलेटिक्स में अब तक कोई भारतीय खिलाड़ी मेडल नहीं जीत सका है, ऐसे में कमलप्रीत कौर इस बार यह कारनामा कर सकती हैं।
जानिए कौन है कमलप्रीत कौर
कमलप्रीत कौर पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले के बादल गांव की रहने वाली हैं। वह कहती हैं कि पढ़ाई में कमजोर होने की वजह से उनके कोच ने उनसे एक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कहा था, जिस दौरान उनका प्रदर्शन संतोषजनक रहा था और वह चौथा स्थान पर आईं। पढ़ाई में कमजोर होने के चलते कमलप्रीत को लगा कि उन्हें खेल पर ध्यान देना चाहिए जिसके बाद वह डिस्कस थ्रो में प्रैक्टिस करने लगी।
कमलप्रीत कौर ने साल 2014 से खेल के प्रति अपनी रुचि बढ़ाई और शुरुआती ट्रेनिंग भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) केंद्र में उनके गांव में शुरू हुई। कमलप्रीत की कड़ी मेहनत से वह 2016 में अंडर-18 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैम्पियन बनीं।
ये रिकॉर्ड बनाएं
इसके बाद साल 2019 में दोहा में हुए एशियाइ एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में वह पांचवें स्थान पर रहीं थीं। उन्होंने डिस्कस थ्रो में 65 मीटर बाधा पार की और ऐसा करने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं। फिर उन्होंने 2019 संस्करण में 60.25 मीटर डिस्कस थ्रो कर गोल्ड मेडल भी अने नाम किया।