नारी डेस्क: 2025 से शुरू होने वाले स्कूल एडमिशन में अब सरकार ने प्राइवेट स्कूलों पर कड़ी नजर रखने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इससे अभिभावकों को स्कूलों की मनमानी से राहत मिलने की उम्मीद है। हरियाणा सरकार ने शिक्षा निदेशालय के माध्यम से प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि वे यूनिफॉर्म, किताबों और अन्य शुल्कों में अनावश्यक बदलाव नहीं करेंगे और अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं डालेंगे।
प्राइवेट स्कूलों के लिए छह प्रमुख दिशा-निर्देश
हरियाणा सरकार ने प्राइवेट स्कूलों के लिए छह अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिन्हें अब सभी स्कूलों को पालन करना जरूरी होगा-
यूनिफॉर्म में बदलाव पर रोक: स्कूल अब हर साल यूनिफॉर्म बदलने का आदेश नहीं दे सकेंगे। इससे अभिभावकों पर हर साल नया ड्रेस खरीदने का दबाव नहीं होगा और वे बचत कर सकेंगे।
केवल NCERT या CBSE की किताबें: स्कूलों को अब केवल सरकारी मान्यता प्राप्त किताबों का ही उपयोग करना होगा। प्राइवेट पब्लिशर की महंगी किताबों को छात्रों पर दबाव डालकर खरीदवाने की अनुमति नहीं होगी।

दबाव से मुक्त खरीददारी: स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अभिभावकों को किसी खास विक्रेता से किताबें या यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। इससे अभिभावकों को खुला विकल्प मिलेगा।
पुरानी किताबों का प्रोत्साहन: छात्रों को पुरानी किताबों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे न सिर्फ आर्थिक बोझ कम होगा, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ होगा।
पानी की शुद्ध व्यवस्था: स्कूलों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों को शुद्ध पेयजल मिले। इससे बच्चों को अपनी पानी की बोतल लाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।
स्कूल बैग का वजन सीमित किया जाएगा: छात्रों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने बैग के वजन को कक्षा और उम्र के हिसाब से सीमित करने के आदेश दिए हैं।
महंगी किताबों और यूनिफॉर्म पर रोक
प्राइवेट स्कूलों द्वारा किताबों और यूनिफॉर्म के बार-बार बदलाव से अभिभावकों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। अब केवल सरकारी मान्यता प्राप्त किताबों का ही उपयोग किया जाएगा, जिससे अतिरिक्त खर्चों पर काबू पाया जा सके।
सरकार का पानी की व्यवस्था पर ध्यान
अब स्कूलों को अपने परिसर में शुद्ध और स्वच्छ पानी की व्यवस्था करनी होगी। इससे बच्चों को अपनी बोतल लाने की आवश्यकता नहीं होगी और वे सुरक्षित पानी पी सकेंगे।

सरप्राइज चेकिंग और शिकायत समाधान प्रक्रिया
हरियाणा के जिला शिक्षा अधिकारियों को अब स्कूलों की अचानक जांच (surprise inspection) करने का अधिकार दिया गया है। यदि कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, सरकार ने सभी अधिकारियों के ई-मेल और मोबाइल नंबर भी जारी किए हैं, ताकि अभिभावक सीधे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें।
इस कदम से उम्मीद है कि स्कूलों में पारदर्शिता बढ़ेगी और अभिभावकों को राहत मिलेगी, क्योंकि अब वे स्कूलों की मनमानी से बच सकेंगे।