गर्मियों ने दस्तक दे दी है और बाजारों में तरबूज की भी बाहर आ गई है। लोग गर्मी से राहत के लिए रसीले तरबूज भारी मात्रा में खरीद रहे हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आपकी सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। जी हां, ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में इंजेक्शन लगाकर इन तरबूजों को जल्दी- जल्दी तैयार किया जा रहा है, ताकि वो ज्यादा लाल और मीठे लगे। इंजेक्शन लगाने से तरबूज समय से पहले बढ़ा हो जा रहा है। लेकिन इससे सेहत को नुकसान पहुंच सकता है। उल्टी- दस्त, पेटदर्द आदि की समस्या भी होने लगती है।
इंजेक्टेड तरबूज हैं कितने खरतनाक
एक्सपर्ट्स की मानें तो इंजेक्शन लगे तरबूज में नाइट्रेट, आर्टिफिशियल कलर, कैल्शियम कार्बाइड और ऑक्सीटोसिन जैसे केमिकल्स पाए जाते हैं, जो पेट के लिए जहर से कम नहीं है। तरबूज को जल्दी बढ़ाने के लिए नाइट्रोजन का इस्तेमाल किया जाता है, जो शरीर के अंदर पहुंचकर इसे बहुत ही बुरी तरह से प्रभावित करता है।बता दें, तरबूज को चटक लाल रंग देने के लिए में लेड क्रोमेट, मेथनॉल यलो और सूडान रेड जैसे आर्टिफिशियल रंग का इस्तेमाल होता है, जो फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकते हैं।
इंजेक्शन लगे तरबूज से हो सकते हैं सेहत को ये नुकसान
1. तरबूज को पकाने के लिए कई बार कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है जो लीवर और किडनी को डैमेज कर सकता है।
2. इस फ्रूट को लाल रंग देने के लिए मेथनॉल यलो का इस्तेमाल किया जाता है, जो कैंसर की वजह बन सकता है।
3. इंजेक्शन वाले तरबूज को खाने से खून की कमी, दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा रहता है।
4. सूडान रेड रंग वाले तरबूज पाचन और पेट से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
ऐसे करें तरबूज की जांच
- तरबूज की पहचान करने के लिए पहले उसे आधा काट लें।
- इसके बाद रुई को तरबूज के कटे हुए हिस्से पर रगड़ें।
- अगर इसमें मिलावट है तो रुई लाल हो जाएगी।
- अगर रुई लाल नहीं होती है तो उसमें मिलावट नहीं है।
- वह खाने के लिए सुरक्षित है।
नोट- इसके अलावा तरबूज को खरीदने के बाद कम से कम 2-3 दिन के लिए रख दें, अगर वह खराब नहीं होता या उस पर झाग-पानी निकलता है तो समझ जाइए कि उसमें इंजेक्शन लगा है।