नारी डेस्क: क्या आप व्यस्त दिनचर्या के कारण सप्ताह के दिनों में बेहतर नींद नहीं ले पाते हैं? एक अध्ययन के अनुसार, सप्ताहांत में देर तक सोने से न केवल खोई हुई नींद की भरपाई हो सकती है, बल्कि हृदय रोग का जोखिम भी पांचवें हिस्से तक कम हो सकता है। यानी की आप अच्छी नींद लेकर कई बीमारियों के खतरे से टल सकते हैं।
हृदय रोग का जोखिम कम करती है नींद
बीजिंग के फुवाई अस्पताल में संक्रामक रोग की राज्य प्रमुख प्रयोगशाला के अध्ययन लेखक यानजुन सोंग का कहना है कि पर्याप्त नींद लेने से हृदय रोग का जोखिम कम होता है। यह संबंध उन व्यक्तियों में और भी स्पष्ट हो जाता है, जो सप्ताह के दिनों में नियमित रूप से अपर्याप्त नींद का अनुभव करते हैं। यह आम तौर पर जाना जाता है कि जो लोग नींद की कमी का अनुभव करते हैं, वे अपने छुट्टी के दिनों में "देर तक सोते हैं", बस उस एक दिन की भरपाई करने के लिए जो उन्होंने खो दिया था।
'कैच-अप' नींद का भी है फायदा
यूके बायोबैंक परियोजना में 90,903 प्रतिभागियों से नींद के आंकड़े एकत्र करने के लिए लेखकों द्वारा नींद के पैटर्न को मापने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण एक्सेलेरोमीटर का इस्तेमाल किया गया था, ताकि सप्ताहांत की नींद और हृदय रोग के बीच संबंध का आकलन किया जा सके। इसके बाद यह नतीजा निकला कि "आधुनिक समाज में आबादी का एक बड़ा हिस्सा जो नींद की कमी से पीड़ित है, सप्ताहांत में सबसे ज़्यादा 'कैच-अप' नींद लेने वालों में हृदय रोग की दर उन लोगों की तुलना में काफी कम है जो सबसे कम नींद लेते हैं।"
नींद से रक्तचाप नियंत्रित रहता है
नींद और हृदय स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध है, और पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करती है, बल्कि दिल की बीमारियों के जोखिम को भी कम करती है। अच्छी नींद लेने से रक्तचाप सामान्य रहता है। उच्च रक्तचाप हृदय रोगों का एक प्रमुख कारण होता है, और जब आप पर्याप्त नींद लेते हैं, तो रक्तचाप नियंत्रित रहता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा कम होता है।
हृदय की धड़कन रहती है नियमित
अच्छी नींद हृदय की धड़कन को नियमित रखने में मदद करती है। जब आप पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं, तो आपके हृदय की धड़कन अनियमित हो सकती है, जिससे अतालता (Arrhythmia) का खतरा बढ़ जाता है। अच्छी नींद से मानसिक तनाव कम होता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है। तनाव हृदय पर दबाव डालता है, और पर्याप्त नींद इसे कम करने में सहायक होती है।
कम नींद के हृदय पर प्रभाव
- नींद की कमी से रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है।
- नींद की कमी से हृदय की समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट फेलियर, और हार्ट अटैक शामिल हैं।
- नींद की कमी से शरीर में चयापचय प्रक्रिया पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे टाइप 2 मधुमेह और मोटापे का खतरा बढ़ सकता है, जो हृदय रोगों के लिए जोखिम कारक हैं।