बॉलीवुड हो या हॉलीवुड बालीवुड अभिनेत्रियां सुंदर दिखने के लिए की तरह कई बार प्लास्टिक सर्जरी करवाती है। वहीं चीन में एक ऐसी ही प्लास्टिक सर्जरी का केस सामने आया है जिसमें 15 साल की लड़की ने दोस्तों के तानों से तंग आकर सर्जरी करवाई है। चीन की रहने वाली 15 साल की जिया ओफेंग प्रोजेरिया नाम की बीमारी से ग्रस्त है। जिसमें कम उम्र में भी अधिक उम्र की दिखाई देती है। प्रोजेरिया एक तरह से प्रोग्रेस्वि जेनेटिक डिसऑर्डर है।
इस बीमारी के चलते जिया को स्कूल में उसके दोस्त और लोग ताने मारते थे। जिससे तंग आकर उसने स्कूल जाना छोड़ दिया था। खबरों के अनुसार जिया के पिता ने बताया कि उसमें इस बीमारी के लक्षण एक साल की उम्र में ही दिखाई देने लग गए थे। जैसे ही उसकी उम्र बढ़ती गई उसके चेहरे पर झुर्रियां भी बढ़ने लगी। जिस कारण उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। जब इस बारे में आस-पास के लोगों और एनजीओ को खबर मिली तो उन्होंने फंड इक्ट्ठा करके जिया की प्लास्टिक सर्जरी करवाई। जिससे उसके चेहरे से अतिरिक्त फेट को हटा कर ठीक किया गया है।
बन चुकी है फिल्म
इस बीमारी पर बॉलीवुड में पा फिल्म भी चुकी है। जिसमें बताया गया है कि किस तरह से इस बीमारी का कारण पीड़ित अमिताभ बच्चन यानि ओरो छोटी उम्र में ही काफी बढ़ी उम्र के दिखाई देते थे।
चलिए बताते है आपको क्या है प्रोजेरिया बीमारी
क्या है प्रोजेरिया
प्रोजेरिया एक दुर्लभ बीमारी है जिसके कारण बच्चे छोटी उम्र में ही बूढ़े लगने लगते है। इसका पहला केस 1886 में दर्ज किया गया था। 4 से 8 मिलियन पैदा होने वाले बच्चों में से कोई एक बच्चा इस बीमारी से ग्रस्त होता है। यह बीमारी बच्चों को अपने माता-पिता से नहीं मिलती है।
क्या है लक्षण
इस बीमारी के शिकार बच्चे अपनी उम्र से सात गुणा अधिक बढ़े लगते है। 7 साल की उम्र में बच्चे 70 के दिखाई देते है। बच्चों में गंजापन, शरीर का न बढ़ना, बालों का झड़ना, कमजोरी, सिर और चेहरा आम तौर पर शरीर से बढ़ा होता है। इस बीमारी के लक्ष्ण बच्चों में 18 महीने के बाद दिखने लगती है। इसमें बच्चों को बुढापे की बीमारियां जैसे की जोड़ों में दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और दिल का दौरा हो जाती है।
प्रोजेरिया का इलाज
यह पूरी तरह से लाईलाज बीमारी है। प्रोजेरिया के कारण होने वाले दिल की बीमारी और जोड़ो में दर्द जैसी कई बीमारियों का इलाज संभव है लेकिन प्रोजेरिया का कोई इलाज नहीं है। इस बीमारी से ग्रस्त बच्चों की औसतन उम्र 12 व कुछ की 20 साल तक होती है।
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