हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर राधा अष्टमी का पावन दिन मनाया जाता है। कहा जाता है कि राधा अष्टमी का यह पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के ठीक 15 दिनों बाद आता है। इस साल यह 14 अगस्त यानि आज दिन मंगलवार को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ दिन पर देवी लक्ष्मी ने धरती पर राधा रानी के रूप में अवतार लिया था। राधा जी भगवान श्रीकृष्ण की प्रियसी थी। उनके बिना कृष्णा जी अधूरे माने जाते हैं। इसलिए राधा जी की पूजा के बिना श्रीकृष्ण का पूजन भी संपूर्ण नहीं माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सच्चे दिल से राधा जी की पूजा, व्रत करने भगवान श्रीकृष्ण की असीम कृपा मिलती है। जीवन की समस्याएं दूर होकर मनचाहा फल मिलता है।
इसी के कारण इस पावन दिन पर शास्त्रों में वर्णित राधा जी के 32 नामों का जाप करने का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इससे जीवन की समस्याएं दूर होकर माता लक्ष्मी की कृपा होती है। घर में अन्न व धन का वास होता है। चलिए जानते हैं शास्त्रों में बताएं राधा जी के नाम...
1 मृदुल भाषिणी राधा ! राधा !!
2 सौंदर्य राषिणी राधा ! राधा !!
3 परम् पुनीता राधा ! राधा !!
4 जगत स्वामिनी राधा ! राधा !!
5 रास विलासिनी राधा ! राधा !!
6 दिव्य सुवासिनी राधा ! राधा !!
7 नवल किशोरी राधा ! राधा !!
8 नित्य नवनीता राधा ! राधा !!
9 कंचनवर्णी राधा ! राधा !!
10 नित्य सुखकरणी राधा ! राधा !!
11 सुभग भामिनी राधा ! राधा !!
12 अति ही भोरी राधा ! राधा !!
13 कृष्ण आनन्दिनी राधा ! राधा !!
14 आनंद कन्दिनी राधा ! राधा !!
15 प्रेम मूर्ति राधा ! राधा !!
16 नित्य रासेश्वरी राधा ! राधा !!
17 नवल ब्रजेश्वरी राधा ! राधा !!
18 परम् हर्षिणी राधा ! राधा !!
19 कोमल अंगिनी राधा ! राधा !!
20 कृष्ण संगिनी राधा ! राधा !!
21 कृपा वर्षिणी राधा ! राधा !!
22 रस आपूर्ति राधा ! राधा !!
23 सिंधु स्वरूपा राधा ! राधा !!
24 परम् अनूपा राधा ! राधा !!
25 परम् हितकारी राधा ! राधा !!
26 रास रासेश्वरी राधा ! राधा !!
27 निकुंज स्वामिनी राधा ! राधा !!
28 नवल भामिनी राधा ! राधा !!
29 रसिकिनी पुनीता राधा ! राधा !!
30 स्वयं परमेश्वरी राधा ! राधा !!
31 सकल गुणीता राधा ! राधा !!
32 कृष्ण सुखकारी राधा ! राधा !!
कर जोरि वन्दन करूं , मैं नित नित करूं प्रणाम
रसना से गाती/गाता रहूं , श्री राधा राधा नाम !!