बच्चे स्वभाव से अपनी मर्जी के मालिक होते हैं। कभी बहुत खुश और कभी-कभी बहुत ही चिड़चिड़ा महसूस करने लगते हैं। चिड़चिड़े स्वभाव के कारण कई बार बच्चे बहुत ही जिद्दी भी हो जाते हैं। जिद्दी बच्चों की हर बात माता-पिता को माननी ही पड़ती है। खासकर माता-पिता के लिए तब बहुत ही शर्मिंदीगी वाली बात हो जाती है जब बच्चे मेहमानों के सामने जिद्द करते हैं। अगर आपका बच्चा भी जिद्द करता है तो आप उसे समझाने का प्रयास करें। आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं जिनसे बच्चा आपकी बात आसानी से समझ पाएगा।
बात सुनने का करें प्रयास
आप बच्चे की बात सुनने की कोशिश करें। कामकाज में व्यस्त हो जाने के कारण माता-पिता अपने बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते। जिसके कारण बच्चे जिद्दी होने लगते हैं। बच्चे अपने दिल की बातें सिर्फ माता-पिता के साथ ही करते हैं। इसलिए आप अपने बच्चे की बात सुनने का प्रयास करें। थोड़ा सा समय निकालकर बच्चे के साथ बात करने की कोशिश करें।
बच्चे को सही-गलत में फर्क बताएं
जैसे-जैसे बच्चे उम्र में बढ़ने लगते हैं उन्हें अपनी गलतियों का पत्ता नहीं चलता। ऐसे में यदि बच्चे गलती करते हैं तो माता-पिता उन्हें चिल्लाकर या फिर डांटकर चुप करवा देते हैं। जिसके कारण बच्चे गुस्सैल होने लगते हैं। आप बच्चे को डांटने या मारने की बजाय उसे सही और गलत में अंतर बताएं। इससे बच्चे आपको समझने लगेंगे और आपके उनके साथ रिश्ते भी मजबूत होंगे।
खुद पर भी रखें कंट्रोल
बच्चे जैसे-जैसे बढ़ने लगते हैं तो वह शैतानियां भी करने लगते हैं। जिसके कारण माता-पिता उन पर गुस्सा करने लगते हैं उन्हें मारने भी लगते हैं। लेकिन इसके कारण भी बच्चे चिड़चिड़े और गुस्सैल होने लगते हैं। ऐसी परिस्थिति में पेरेंट्स को खुद पर कंट्रोल रखना बहुत ही आवश्यक है। आप बच्चे को उसकी बात बोलने का मौका जरुर दें। उसे समझने का प्रयास करें। इससे बच्चा आपकी बात भी बहुत ही आसानी से सुनने लगेगा।
नियम बनाएं
जिद्दी बच्चे को हैंडल करने के लिए आप कुछ नियम बनाएं। इससे बच्चा अनुशासन में रहना सिखेगा। उम्र के साथ-साथ बच्चे खुद को होशियार समझने लगते हैं। ऐसे में आप घर में कुछ सख्त नियम बनाएं । इससे बच्चा भविष्य में कोई भी गलती नहीं करेगा।
जबरदस्ती बिल्कुल भी न करें
आप बच्चे के साथ बिल्कुल भी जबरदस्ती न करें। जब आप बच्चे का साथ जबरदस्ती करेंगे तो वो और भी गुस्सैल होने लग जाएंगे। ऐसे बच्चे किसी की कोई बात सुनना पसंद नहीं करते। बच्चे इतनी जिद्दी हो जाते हैं कि उन्हें जिस बात से रोका जाए वो वही करने लगते हैं। आप बच्चे के साथ जुड़ने की कोशिश करें।