27 APRSATURDAY2024 8:06:03 AM
Nari

इन बच्चों का मास्क पहनना जरूरी नहीं, 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों के लिए आई नई Guidelines

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 21 Jan, 2022 02:11 PM
इन बच्चों का मास्क पहनना जरूरी नहीं, 18 वर्ष से कम उम्र के किशोरों के लिए आई नई Guidelines

सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीरता के बावजूद 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए एंटीवायरल या मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का उपयोग ना करने की नसीहत दी है। केंद्र ने बच्चों के लिए कोविड से संबंधित नई गाइडलाइन्स जारी की है, जिसमें यह बात कही गई है। 

PunjabKesari

मास्क को लेकर भी निर्देश जारी 

गाइडलाइंस के अनुसार यदि स्टेरॉयड का उपयोग किया जाता है तो तो 10-14 दिनों में इसकी डोज कम कर देनी चाहिए। इसके साथ ही सरकार ने कहा-  पांच साल और उससे कम उम्र के बच्चों के लिए मास्क की सिफारिश नहीं की जाती है। गाइडलाइन्स में कहा गया-  माता-पिता की सीधी देखरेख में छह-11 साल के बच्चे सुरक्षित और उचित तरीके से मास्क का उपयोग कर सकते हैं।

 

बच्चों को निगरानी की जरूरत

मंत्रालय ने कहा कि 12 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को वयस्कों की तरह ही मास्क पहनना चाहिए। हाल में संक्रमण के मामलों खासकर ओमीक्रोन स्वरूप के कारण मामलों में वृद्धि के मद्देनजर विशेषज्ञों के एक समूह द्वारा दिशा-निर्देशों की समीक्षा की गई। मंत्रालय ने कहा कि अन्य देशों के उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि ओमीक्रोन स्वरूप के कारण होने वाली बीमारी कम गंभीर है। हालांकि, महामारी की लहर के कारण सावधानीपूर्वक निगरानी की जरूरत है।

PunjabKesari
सही समय पर करना चाहिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल 

मंत्रालय ने कहा कि बिना लक्षण वाले और हल्के मामलों में उपचार के लिए ‘एंटीमाइक्रोबियल्स या प्रोफिलैक्सिस’ की सिफारिश नहीं की जाती है। मंत्रालय ने कहा कि मध्यम और गंभीर मामलों में एंटीमाइक्रोबियल्स दवाओं को तब तक नहीं देना चाहिए जब तक कि एक ‘सुपरएडेड इनफेक्शन’ का ​​संदेह ना हो। दिशा-निर्देश में कहा गया कि स्टेरॉयड का इस्तेमाल सही समय पर, सही खुराक में और सही अवधि के लिए किया जाना चाहिए। 

PunjabKesari

पीड़ित बच्चों के  सांस संबधी दिक्कत पर रखें नजर

मंत्रालय के अनुसार जिन बच्चों में एसिम्टोमैटिक और हल्के लक्षण हों उनकी सही देखभाल, वैक्सीनेशन और न्यूट्रिशन  का ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही अस्पताल से छुट्टी के दौरान कोविड पीड़ित बच्चों के माता-पिता या देखभाल करने वालों को लगातार उनकी सांस संबधी दिक्कत पर निगरानी रखनी चाहिए। 

Related News