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यहां प्रसाद में मिठाई नहीं बल्कि मिलते हैं सोने-चांदी के आभूषण

  • Edited By neetu,
  • Updated: 09 Nov, 2020 04:52 PM
यहां प्रसाद में मिठाई नहीं बल्कि मिलते हैं सोने-चांदी के आभूषण

भारत देश में बहुत से प्राचीन मंदिर हैं, जिनकी अलग-अलग मान्यताएं मानी जाती है। वैसे तो हर मंदिर से भक्तों को लड्डू या कोई अन्य मिठाई प्रसाद के तौर पर दी जाती है। मगर क्या कभी किसी ने प्रसाद में सोने-चांदी के सक्के व नोटों की गड्डियां मिलते हुए सुना है? शायद यह बात सुनने में थोड़ी अजीब लगेगी। मगर मध्यप्रदेश में स्थित देवी लक्ष्मी के मंदिर में लोगों को सोने-चांदी व सिक्के मिलते हैं। तो चलिए जानते हैं इस मंदिर के बारे में विस्तार से...

मंद‍िर का इत‍िहास

माना जाता है कि रतलाम शहर के राजा को सपने में महालक्ष्मी के आने पर इस प्रथा की शुरूआत हुई थी। साथ ही यह परंपरा आज तक लोगों द्वारा निभाई जा रही है। अपनी इस अनूठी परंपरा के कारण इस मंदिर की दुनियाभर में मान्यता है। ऐसे में देश-विदेश से लोग महालक्ष्मी की पूजा करना व इस मंदिर को देखने आते हैं। 

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मध्यप्रदेश में स्थित देवी मां का मंदिर 

यह मंदिर मध्य प्रदेश के रतलाम के माणक शहर में स्थापित हैं। मंदिर का नाम महालक्ष्‍मी मंद‍िर है। कहा जाता है कि यह मंदिर धनतेरस से लेकर भाई दूज के दिन तक खुलता है। यहां पर देवी लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर जी की भी पूजा होती है। 

चढ़ते हैं सोने-चांदी के सिक्के व आभूषण

मान्यता है कि देवी मां को श्रृंगार का सामान और आभूषण चढ़ाने से घर में अन्न व धन की कमी नहीं होती है। साथ ही कमाया हुआ दोगुना हो जाता है। ऐसे में लोग इन शुभ दिनों में भारी मात्रा में सोने-चांदी चीजें चढ़ाते हैं। 

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नोटों की गड्डियां व सोने-चांदी से सजता है मंदिर 

देवी मां का यह मंदिर फूलों या लाइटों की जगह सोने-चांदी के आभूषण तथा नोटों की गडि्डयां से सजाया जाता है। ऐसे में मंदिर बहुत ही सुंदर दिखाई देता है। लोगों द्वारा चढ़ाए इन सामान की मंदिर के ट्रस्ट द्वारा एंट्री कर लोगों को टोकन बांटें जाते हैं। सभी चाीजों को महालक्ष्मी के चढ़ा दिया जाता है। बाद में इस चढ़ावे को टोकन के माध्यम से श्रद्धालुओं को लौटा दिया जाता है। 

प्रसाद में मिलते सोने के आभूषण व सिक्के

बता दें, यह प्रथा आज से कई साल पहले से चल रही हैं। यहां पर भक्त माता को सोने-चांदी व नोटों की गड्डियां चढ़ाते हैं। फिर इन्हें लोगों को प्रसाद के रूप में बांट दिया जाता है। इसके साथ ही माता की प्रिय चीजें श्रीयंत्र, सिक्के, अक्षत कुमकुम, कौड़‍ियां और कुबेर पोटली भी प्रसाद के तौर पर श्रद्धालुओं में बांटी जाती है।
 

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