राजस्ठान एक ऐतिहासिक राज्य है। यह अपने किलों, झीलों और रेगिस्तान के लिए जाना जाता है। अगर आपको इतिहास में रुचि है और पुराने किले देखने का शौक है तो कुम्भलगढ़ किला देखने जरुर आना चाहिए। राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित इस किले को अजेयगढ़ और मेवाड़ किले के नाम से भी जाना जाता था, क्योंकि इस किले पर जीत हासिल करना किसी भी राजा के लिए बेहद ही मुश्किल काम था। करीब 3,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह किला घूमने के लिए एक बेहतरीन जगह है। यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं। इस किले से आप थार रेगिस्तान के सुंदर दृश्यों का आनंद उठा सकते हैं।आइए आपको बताते हैं इस किले की कुछ खास बातें।
15वीं शताब्दी में हुआ था किले का निर्माण
इस किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में राणा कुंभा द्वारा करवाया गया था। इसकी विशालता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि कहा जाता है इसे बनाने में 15 साल का लंबा समय लगा था। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 16वीं शताब्दी में महान शासक महाराणा प्रताप का जन्म भी इसी किले में हुआ था।
दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार है कुम्भलगढ़ किले में
आप शायद ही ये बात जानते होंगे कि चीन की दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार कुम्भलगढ़ किले में ही है, जिसकी लंबाई लगभग 38 किलोमीटर है। इस वजह से इस किले को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस दीवार को 'ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया' के नाम से जाना जाता है। अरावली पहाड़ियों की ऊंचाइयों पर खड़े इस किले अंदर लगभग 360 हिंदू और जैन मंदिर हैं, जो देखने लायक हैं। कुम्भलगढ़ किले के चारों ओर 13 पर्वत शिखर हैं, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं।