यूरिन सिस्टम इंसान के शरीर में सारी गंदगी को बाहर निकालने का काम करता है। इसलिए यूरिनरी ट्रैक्ट को हेल्दी होना जरुरी है। लेकिन महिलाओं में यूरिन इंफेक्शन का होना कॉमन है। हालांकि अब यूटीआई यानी यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की शिकयत छोटे बच्चों में भी देखने को मिल सकती है। बैक्टीरिया की वजह से बच्चों को इस तरह के इंफेक्शन का खतरा होता है, जिसके बारे में पैरेंट्स को पूरी तरह से जानकारी होना बहुत जरुरी है। यूटीआई की वजह से छोटे बच्चे काफी सारी तकलीफ झेलते हैं, तो चलिए आज जानते हैं कि आखिर छोटे बच्चों तो क्यों होता है यूटीआई का खतरा....
बच्चों में यूटीआई होने का क्या कारण है
नेशनल हेल्थ सर्विस की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों में यूरिन इंफेक्शन होने का मेन कारण बैक्टीरिया है जो उनके डाइजेस्टिव सिस्टम से निकलकर मूत्रमार्ग तक पहुंच जाता है, जब बच्चों को पैरेंट्स गलत तरीके से क्लीन करते है। यूटीआई का सबसे मुख्य कारण है क्लीनिंग, जिसमें पीछे हिप की तरफ से आगे यूरेथ्रा तक वाइप की मदद से साफ किया जाता है, जिसकी वजह से बैक्टीरिया ब्लैडर, किडनी और यूरेट्रस तक पहुंच जाते हैं और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
ज्यादातर बच्चों में दिखते हैं ये लक्षण
आपको बता दें कि ज्यादातर बच्चों में बहुत तेज बुखार हो जाता है। साथ ही उल्टी आने लगती है। थकान, कमजोरी और एनर्जी की कमी महसूस होती है। यहीं नहीं बच्चे को मां का दूध पीने में दिक्कत होती है। स्किन और आंखे पीली दिखने लगती है जो कि पीलिया का लक्षण हो जाता है।यही नहीं यूरिन में इंफेक्शन होने पर कुछ बच्चों को पेशाब करने के समय जलन भी होती है। बच्चे को बार-बार लगता है कि बाथरुम जाने पड़ेगा। पेट में दर्द होता है और पेशाब में से अजीब सी बदूब आती है।
बच्चों में यूटीआई को कम करने के लिए क्या करें
जरुरी है कि बच्चे को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिलाएं। साफ-सुथरे बाथरुम का इस्तेमाल करने की सलाह दे। वहीं छोटे बच्चों को डायपर को समय-समय पर बदलते रहें। गंदा डायपर ना पहनने दें। बच्चों को बहुत ज्यादा डायपर पर डिपेंट ना रहने दें, इससे भी यूटीआई का खतरा बढ़ जाता है।