आज हम आपकाे ऐसे बच्चे की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने 14 साल की उम्र में ही कई सम्मान अपने नाम कर लिए। उनके काम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रभावित हो चुके हैं। कोरोना काल में महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े एक मोबाइल एप बनाने के चलते हरमनजोत को बाल पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।ऐप बनाने के अलावा उन्होंने कई ओलंपियाड में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है
बहुत छोटी उम्र में दिया ओलंपियाड टेस्ट
जम्मू के आठवीं कक्षा के छात्र हरमनजोत सिंह ऐप डेवलपर और ओलंपियाड चैंपियन हैं। वे दुनिया के कुछ चुनिंदा प्रतिभाशालियों में से एक हैं जिन्हें प्रतिष्ठित सिलीकान वैली आफ कोड अवार्ड से नवाजा गया है। हरमनजोत सिंह ने ओलंपियाड टेस्ट देना तब शुरू किया था जब वह कक्षा 3 में थे और उस दौरान विज्ञान में अपना पहला पदक जीता थ। उसने सातवीं कक्षा से कोडिंग शुरू की थी।
मां के कहने पर बनाई ऐप
हरमनजोत भौतिकी, गणित और कंप्यूटर विज्ञान को अपने तीन सबसे अच्छे दोस्त बताते हैं। हरमनजोत सिंह ने अपनी मां की सुरक्षा के लिए एक ऐप बनाया और उसे रक्षा नाम दिया। यह ऐप महिलाओं की सुरक्षा पर आधारित है। बताया जा रहा है कि उन्होंन अपनी मां के कहने पर इस ऐप को बनाया था।एक ऐप उन्हे इस मुकाम तक ले आएगी हरमनजोत ने कभी नहीं सोचा था।
पीएम मोदी भी हुए काम से प्रभावित
हरमनजोत भविष्य में डाटा एनालिस्ट बनना चाहते हैं और स्टेट एजूकेशन के लिए काम करना चाहते हैं। पीएम ने हरमनजोत सिंह को निष्काम भावना से देश की सेवा में लगे रहने की भी बात कही थी। इस दौरान हरमनजोत ने पीएम से कहा था कि- उन्हें इस बात की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी कि उन्हें इस एप्लीकेशन के लिए इतनी शाबाशी मिलेगी।
कई पुरस्कार किए अपने नाम
हरमनजोत सिंह को 2018-19 के ओलंपियाड में बेहतर प्रदर्शन के लिए अकादमिक स्कालरशिप का सम्मान भी मिला चुका है।उन्होंने दो अन्य ऐप भी विकसित किए हैं – Calmify – एक मानसिक स्वास्थ्य देखभाल ऐप जिसे आपकी भावनात्मक कल्याण (2021) के लिए एक स्वस्थ दृष्टिकोण लेने में मदद करने और खोजने के लिए विकसित किया गया है। उनका दूसरा ऐप साइबरबडी एक एंटी-साइबरबुलिंग ऐप (2021) है।