कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं, भारत में भी इस वायरस का का कहर बढ़ता जा रहा है। ऐसे में कोरोना वायरस से बचने के लिए लोगों को घरों के अंदर रहने को कहा जा रहा है। वही भारत की एक महिला डॉक्टर सुशीला कटारिया ने दावा किया है कि उन्होंने 11 संक्रमित मरीजों को अब तक ठीक किया है।
42 साल की सुशीला गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में डॉक्टर हैं। उनका कहना है कि वह इटली से राजस्थान घूमने आए कोरोना इनफेक्टेड 15 में से 11 मरीज का इलाज कर चुकी हैं, जो ठीक भी हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ थाली पीटने से काम नहीं चलेगा।
इंटरव्यू में डॉक्टर सुशीला कटारिया ने कहा, 'मेदांता हॉस्पिटल में 14 कोरोना संक्रमित पीड़ितों को भर्ती कराया गया था, जिसमें से उनकी टीम ने 11 लोगों को ठीक कर दिया। मेरे पास 4 मार्च को को मरीज आए थे। करीब 20 दिनों से वो हमारे साथ हैं। हम सीख रहे हैं, नए तज़ुर्बे हासिल कर रहे हैं। इस वायरस का फिलहाल कोई इलाज नहीं, सभी के लिए यह नया भी है। उम्मीद हैं कि यह महामारी भारत में बाकी दुनिया की तरह नहीं फैलेगी।'
उनकी टीम ने कोरोना संक्रमित मरीजों पर कई दवाओं का इस्तेमाल किया और बाकी दुनिया में जुटाए गए अनुभव के हिसाब से उनका इलाज शुरू किया। उनमें से जिन मरीजों में शुरूआती लक्षण दिखाई दे रहे थे उन्हें मल्टी विटामिन दवाएं दी गई। जिन्हें सांस लेने में दिक्कत या तेज बुखार था उन्हें एंटी वायरल दवाएं दी गई। उनका कहना है कि डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी तो इस लड़ाई को लड़ रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी लड़ाई लोगों को अपने घरों में रहकर लड़नी है। सोशल डिस्टेंसिंग व आइसोलेशन ही कोरोना की लड़ाई में सबसे कारगार है। हमें अपने आप को पूरी तरह अपने घर तक सीमित करना होगा।
इस महामारी का भारत में क्या स्वरूप होगा अब ये लोगों का व्यवहार ही तय करेगा। बता दें कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। अब यह आप पर निर्भर है कि आप इस लड़ाई में कितना साथ देते हैं। घरों के अंदर रहें और जब तक जरूरी काम न हो घरों से बाहर ना निकलें क्योंकि, यही एक तरीका है, जिससे इस वायरस को फैलने से रोका जा सकता है।